The Art of Happiness: खुशियों की तलाश में कहां भटक रहे हैं? समाधान यहां है। दलाई लामा और हॉवर्ड सी. कटलर के संवाद को न पढ़ा तो क्या पढ़ा।
किताबों की दुनिया से
The Art of Happiness: खुशियों की तलाश में कहां भटक रहे हैं? समाधान यहां है। Book ‘The Art of Happiness’ को इंसान की भलाई का गहन अन्वेषण कहा जा सकता है।
रअसल, इस किताब में तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा और अमेरिकी मनोचिकित्सक और लेखक हॉवर्ड सी. कटलर के बीच संवाद है।
यह पुस्तक पूर्व के दर्शन (Philosophy) को पश्चिम के मनोविज्ञान (Psychology) के साथ सहजता से मेल-मिलाप कराती है और इंसान को खुशी पैदा करने और इसे बनाए रखने के लिए व्यापक खाका प्रदान करती है। इस Book में बताया गया है कि :-
Happiness (खुशी) Choice है
खुशी (Happiness) की तलाश करना एक अंतर्निहित मानवीय इच्छा है और यह इच्छा सांस्कृतिक, धार्मिक या सामाजिक-आर्थिक मतभेदों से परे होती है। खुशी Choice है, परिस्थिति नहीं।
दलाई लामा इस बात पर जोर देते हैं कि हमारी मानसिक स्थिति (mental State) कैसी है, यही खुशी (Happiness) का प्राथमिक निर्धारक और आधार होता है।
बाहरी परिस्थितियाँ चाहे जितनी प्रभावशाली हों, इंसान के समग्र कल्याण (overall well-being) को निर्धारित नहीं कर सकती हैं और वे इंसान की खुशी (Happiness) का कारण नहीं बन सकती हैं।
बाहरी परिस्थितियां हमारे मूड को प्रभावित कर सकती हैं, आंतरिक खुशी को हमारी मानसिक दशा ही तय करती है।
Happiness : खुश रहना है तो दूसरों पर करुणा रखें
अगर व्यक्तिगत जीवन में खुशी (Happiness) लाना है, तो दूसरों के प्रति करुणा और दया रखना आवश्यक है।
हमारी भलाई तभी संभव हो पाएगी, जब हमारे दूसरों के साथ सकारात्मक संबंधों (positive relationships) का निर्माण करेंगे और परस्पर जुड़ाव की भावना को बढ़ावा देंगे।
Happiness : इन तरीकों से पा सकते हैं खुशी
माइंडफुलनेस और ध्यान (Mindfulness और Meditation) करना।
जागरूकता का विकास करने, तनाव को कम करने और आंतरिक शांति विकसित करने में माइंडफुलनेस (Mindfulness) और ध्यान बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं।
माइंडफुलनेस और ध्यान का अभ्यास खुशी पैदा करने में मदद करता है। व्यक्ति सिर्फ और सिर्फ वर्तमान में जीते हुए, वर्तमान पलों ही पर ध्यान केंद्रित करके, जीवन की सरल खुशियों को बढ़ा सकता है।
Happiness : मन को प्रशिक्षित करना
दलाई लामा मन को प्रशिक्षित करने के लिए विशिष्ट तकनीकों की रूपरेखा बताते हैं, जैसे परिप्रेक्ष्य की भावना (sense of perspective) विकसित करना यानी यह मानना कि जीवन की प्रकृति अस्थाई है और मोह, आसक्ति को छोड़ने से दुख कम हो सकते हैं।
धैर्य को सुदृढ़ करना अर्थात जीवन की चुनौतियों को समभाव से देखना। इससे आंतरिक शांति आएगी।
और क्षमा की भावना का अभ्यास करना अर्थात आक्रोश और क्रोध को दूर करने से मन को नकारात्मकता से बचाया जा सकता है और मन के घावों को भरा जा सकता है।
Happiness : चुनौतियों पर काबू पाना
यह सत्य है कि जीवन अनिवार्य रूप से चुनौतियों से भरा है। किताब में चुनौतियों के आगे लचीलापन का रुख विकसित करने, आशा और विश्वास को बनाए रखने और कष्ट में निहितार्थ खोजने के तरीके बताए गए हैं।
इन तरीकों को अपनाने से चुनौतियां बौनी लगने लगेंगी। चुनौतियां आगे बढ़ने और व्यक्तिगत विकास करने का अवसर होती हैं। इनसे घबराना नहीं है।
Happiness : रिश्ते और दोस्ती निभाना
मजबूत, सहयोगपूर्ण रिश्ते खुशी के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। खुशी में दोस्ती, प्यार और पारिवारिक संबंधों की डायनेमिक्स (dynamics) बहुत काम आते हैं।
इसलिए मित्रता, प्यार और पारिवारिक रिश्तों को हमेशा सहेज कर रखना चाहिए। एक दूसरे से खुली बातचीत, एक दूसरे के प्रति हमदर्दी और परस्पर सम्मान खुशियों को बढ़ाते हैं।
Happiness : कार्य का उद्देश्य और संतुष्टि पाना
हम जो भी काम करते हैं, उसका उद्देश्य स्पष्ट हो और उसमें संतुष्टि की तलाश करना खुश रहने के लिए आवश्यक है। करियर जो भी हो, उसे व्यक्तिगत मूल्यों के साथ जोड़ना जरूरी है।
Happiness : शारीरिक और मानसिक सेहत पर ध्यान देना
शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का एक दूसरे से गहरा संबंध है।
इसके लिए आवश्यक है कि हम व्यायाम करें, पोषण और अच्छी खुराक पर ध्यान दें और नींद को प्राथमिकता दें।
भौतिकवाद और आध्यात्मिकता में संतुलन बनाना
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- भौतिकवाद की सीमाएं: भौतिक सुख-सुविधाएं हमारी जिंदगी को बेहतर तो बनाती हैं, लेकिन इन्हें पाने की बहुत अधिक ललक दुख का कारण बनती है। भौतिक संपत्ति खुशी की कुंजी नहीं है।
- धन-संपत्ति जमा कर लेने से खुशियां नहीं मिलती हैं। भौतिक गतिविधियों से परे जाकर संतुष्टि को खोजने से खुशी पाई जा सकती है। आंतरिक अमीरी को समृद्ध करना जरूरी है।
- आध्यात्मिक विकास: स्थायी खुशी प्राप्त करना है, तो आध्यात्मिक विकास को प्रोत्साहित आवश्यक है। आध्यात्मिकता के कई रूप हो सकते हैं और यह केवल धर्म तक ही सीमित नहीं है।
- भौतिक सुख-साधनों और आध्यात्मिक विकास के बीच संतुलन बहुत जरूरी है। जिंदगी अर्थपूर्ण और नैतिक होना चाहिए।
Happiness : निष्कर्ष
The Art of Happiness शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक आयामों को शामिल करते हुए मानव कल्याण के लिए व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करती है। यह पाठकों को व्यायाम, पोषण और पर्याप्त नींद के माध्यम से शारीरिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए प्रोत्साहित करती है। पुस्तक जीवन में उद्देश्य और अर्थ खोजने के महत्व पर भी जोर देती है, चाहे वह काम, शौक या स्वैच्छिकता हो।
माइंडफुलनेस क्या है?
माइंडफुलनेस बिना किसी judgment के, वर्तमान पल में पूरी तरह से मौजूद रहने का अभ्यास है। इसमें अपने विचारों, भावनाओं और संवेदनाओं में फंसे और उलझे बिना उन पर ध्यान देना शामिल है। यह अभ्यास फोकस, स्पष्टता और भावनात्मक विनियमन को बढ़ाता है और तनाव, चिंता और अवसाद को कम करने में मदद करता है।
https://www.thedailynewspost.com/motivation-5-hero/
https://ia802906.us.archive.org/19/items/the-art-of-happiness/The%20Art%20of%20Happiness.pdf