Monkeypox: WHO ने घोषित की Global Health Emergency। भारत में स्वास्थ्य मंत्री ने बुलाई बैठक। मंकीपॉक्स का इंफेक्शन सेक्सुअल रिलेशनशिप से फैलता है।
Monkeypox: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 14 अगस्त 2024 को मंकीपॉक्स को Public Health Emergency of International Concern (PHEIC) घोषित कर दिया है। अफ्रीका में मंकीपॉक्स का अधिक असर है।
दुनियाभर में मंकीपॉक्स को लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने समीक्षा बैठक की। मंकीपॉक्स का इंफेक्शन सेक्सुअल रिलेशनशिप के कारण फैलता है।
Monkeypox से बढ़ी चिंता
दुनियाभर में महामारी मंकीपॉक्स Monkeypox फिर सिर उठा रही है। हालांकि, अभी यह अफ्रीका के 34 देशों में ही ज्यादा फैली है, लेकिन इसके मरीज भारत के केरल प्रांत में दो साल पहले मिल चुके हैं।
वायरस के संपर्क में आने के 21 दिनों में इसके लक्षण नजर आने लगते हैं। इसका इलाज है, लेकिन यह जानलेवा भी केरल में इससे एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO ) मंकीपॉक्स के संक्रमण से रोकथाम के उपायों में जुटा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 14 अगस्त 2024 को मंकीपॉक्स को Public Health Emergency of International Concern (PHEIC) घोषित कर दिया है।
हालांकि भारत में अभी तक (17 अगस्त, 2024) मंकीपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है।
Monkeypox: ऐसे फैलता है इंफेक्शन
मंकीपॉक्स संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। इसमें यौन संबंधों की अहम भूमिका है।
संक्रमित व्यक्ति से असुरक्षित यौन संबंध इसके संक्रमण में अहम भूमिका निभाते हैं।
मंकीपॉक्स का वायरस पशुओं से इंसानों में और फिर इंसानों से इंसानों में तेजी से फैलता है।
Monkeypox वायरस दो तरह के हैं
मंकीपॉक्स के दो तरह के वायरस हैं। इसका वायरस दो तरह का होता है।
पहला- कांगो बेसिन क्लेड और दूसरा पश्चिमी अफ्रीकी क्लेड। यह कोरोना जितना खतरनाक तो नहीं है, लेकिन इलाज में चूक से जान जाने का खतरा रहा है।
Monkeypox पर नड्डा ने बैठक बुलाई
17 अगस्त को केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में मंकीपॉक्स की स्थिति और तैयारियों की विस्तृत समीक्षा की।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अत्यधिक सावधानी के रूप में कुछ उपाय लागू किए जाएं।
केरल में यूएई से आए व्यक्ति की हुई थी मौत
भारत में दो साल पहले 15 जुलाई 2022 को यूएई से आए एक व्यक्ति में मंकीपॉक्स का संक्रमण नजर आया था। यह संक्रमण तेजी से फैला और चंद दिनों में 35 साल के इस व्यक्ति की मौत हो गई थी।
यह दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में इस तरह के संक्रमण का पहला केस था। देश में बगैर विदेश यात्रा किए मंकीपॉक्स का पहला केस दिल्ली में एक युवक में मिला था, यानी उसे संक्रमण भारत में ही हुआ था। देश में अब तक 90 के करीब मामले सामने आ चुके हैं।
कांगो में मिला था पहला केस
मंकीपॉक्स का पहला केस अफ्रीकी देश कांगो में मिला था। इसके बाद युगांडा और केन्या में भी मामले सामने आए।
हाल ही में कांगो में 14 हजार से ज्यादा केस सामने आए हैं। इनमें से 510 से ज्यादा की मौत हो गई।
यह भी पढ़ें :
Diabetes : शरीर में शुगर को मारे गुड़मार (thedailynewspost.com)
मंकीपॉक्स : संक्रमण फैलने में 4 हफ्ते लगते हैं
बैठक में बताया गया कि मंकीपॉक्स संक्रमण आमतौर पर 2-4 सप्ताह के बीच स्व-सीमित होता है और रोगी आमतौर पर सहायक प्रबंधन के साथ ठीक हो जाते हैं।
संचरण संक्रमित मरीज के साथ लंबे समय तक निकट संपर्क से ही होता है और यह आम तौर पर सेक्सुअल रिलेशनशिप, शरीर/घाव के तरल पदार्थ, या संक्रमित व्यक्ति के दूषित कपड़ों/लिनन के सीधे संपर्क के माध्यम से होता है।
दो साल में 116 देशों में मिले केस, भारत में 30
WHO ने पहले जुलाई 2022 में मंकीपॉक्स को Public Health Emergency of International Concern (PHEIC (PHEIC) घोषित किया था। बाद में मई 2023 में इसे वापस ले लिया गया था।
वैश्विक स्तर पर 2022 से, WHO ने 116 देशों में मंकीपॉक्स के कारण 99,176 मामले और 208 मौतें दर्ज की हैं। WHO द्वारा 2022 की घोषणा के बाद से, मार्च 2024 में आखिरी मामले के साथ भारत में कुल 30 मामले पाए गए।
ऐसे करें बचाव
- संक्रमित जानवरों या व्यक्तियों से दूर रहें। मॉस्क लगाकर ही ऐसे स्थानों पर जाएं।
- असुरक्षित यौन संबंधों से परहेज करें। रेड लाइट एरिया में न जाएं।
- घर और आसपास स्वच्छता का ध्यान रखें। सैनेटाइजर का इस्तेमाल करें।
- जहां संक्रमण हो, वहां पूरी तरह से ढंके वस्त्र पहनें।
- मंकीपॉक्स की आशंका होने पर भरपूर मात्रा में तरल पदार्थ लें।