Kolkata rape case: और कितनी निर्भया.. कोलकाता दुष्कर्म कांड ने किया शर्मसार, फटाफट फांसी संभव?
देश में दरिंदगी और सामूहिक दुष्कर्म की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। 16 दिसंबर 2012 की काली रात दिल्ली में हुए जघन्य निर्भया कांड सामूहिक दुष्कर्म कांड के 12 साल बाद अब 9 अगस्त 2024 की रात कोलकाता के आरजी कर मेडिकल अस्पताल में वैसे ही घिनौने कृत्य की पुनरावृत्ति हुई।
नौ अगस्त को एक पीजी ट्रेनी डॉक्टर के साथ अल सुबह 3 से 5 बजे के बीच अस्पताल के सेमिनार हॉल में दुष्कर्म और हत्या की जघन्य वारदात हुई। मामले में अभी एक ही आरोपी संजय रॉय को पकड़ा गया है, लेकिन वारदात में कुछ और के शामिल होने का शक है।
Kolkata rape case: हाई कोर्ट ने सौंपी सीबीआई को जांच
कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश पर इस जघन्य वारदात की सीबीआई CBI जांच की जा रही है। माना जा रहा है कि जल्द ही इसकी रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश की जाएगी।
मामले की आरंभिक जांच कोलकाता पुलिस ने शुरू की थी। बकौल राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पुलिस 90 फीसदी जांच पूरी कर चुकी है।
इसके साथ ही उन्होंने दोषियों को 18 अगस्त तक फांसी देने की मांग की है, हालांकि, कानूनी और देश की न्याय प्रक्रिया के अनुसार ऐसा संभव नहीं दिखाई देता है।
केस को फॉस्टट्रैक में अवश्य चलाया जा सकता है, लेकिन मुकदमे की ट्रॉयल से लेकर सजा और उसके खिलाफ अपील तक की लंबी प्रक्रिया
Kolkata rape case : देशभर में रोष, हड़ताल का आह्वान
कोलकाता मेडिकल कॉलेज दुष्कर्म कांड को लेकर देशभर खासकर पश्चिम बंगाल में भारी रोष देखा जा रहा है। इसके खिलाफ लगातार प्रदर्शन और कैंडल मार्च निकाले जा रहे हैं। घटना से राज्य की ममता सरकार भी घेरे में है।
हालांकि, सीएम ममता बनर्जी खुद इस घटना से बेहद दुखी व आक्रोश में हैं। इसीलिए उन्होंने आरोपी को 18 अगस्त तक ही फांसी दे देने की असंभव मांग कर डाली।
शनिवार 17 अगस्त को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ‘IMA’ ने देशभर में डॉक्टरों की हड़ताल का आह्वान किया है।
पीएम मोदी बोले- अपराधियों में डर जरूरी
उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2024 को लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए कोलकाता दुष्कर्म कांड Kolkata rape case का परोक्ष जिक्र किया।
उन्होंने देश में बढ़ रही दरिंदगी और महिला अत्याचार की वारदातों को लेकर दुख जताया। पिछले साल भी उन्होंने ऐसी घटनाओं को लेकर गहरी पीड़ा प्रकट की थी और महिलाओं के प्रति समाज में संवेदना व आदर बढ़ाने का आग्रह किया था।
उन्होंने ऐसे लोगों को राक्षसी वृत्ति का बताते हुए सभी राज्य सरकारों से आग्रह किया कि वे ऐसी घटनाओं को गंभीरता से लें।
पीएम मोदी ने दोषियों को मृत्युदंड की पैरवी की और मीडिया से आग्रह किया कि वह सजा की खबरों को भी प्रमुखता से प्रकाशित और प्रसारित करे, ताकि ऐसे तत्वों में डर पैदा हो।
Kolkata rape case: कौन है दरिंदा संजय रॉय
ट्रेनी डॉक्टर से दुष्कर्म का आरोपी संजय रॉय पुलिस महकमे के लिए ही काम करता है। उसे मुखबिर भी बताया जा रहा है। उसका कोलकाता के आरजी कर मेडिकल अस्पताल के सभी वार्डों व कार्यालयों में बेरोकटोक आना जाना था।
वह डॉक्टर के साथ दुष्कर्म व हत्या का मुख्य आरोपी माना जा रहा है।
9 अगस्त को घटना की रात वह नशे में चूर होकर अस्पताल के सेमिनार हॉल पहुंचा और वहां ट्रेनी डॉक्टर के साथ दरिंदगी की हद पार कर दी। इतना ही नहीं उसने जघन्य तरीके से महिला डॉक्टर की हत्या तक कर डाली।
Kolkata rape case : चार शादी की, पोर्न वीडियो मिले
आरोपी संजय के पड़ोसियों ने बताया कि वह अब तक चार शादियां कर चुका है।
सभी पत्नियों के साथ अत्याचार करने के कारण वे उसे छोड़ चुकी हैं। पुलिस को उसके मोबाइल में पोर्न व अश्लील वीडियो मिले हैं।
आरोपी से दिल्ली से कोलकाता पहुंची टीम पूछताछ कर रही है। उससे वारदात में लिप्त अन्य लोगों का पता लगाया जा रहा है।
Kolkata rape case: क्या कह रही पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट
मृत महिला डॉक्टर के पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट आ चुकी है। इसमें सामूहिक दुष्कर्म की आशंका प्रकट की गई है।
इससे शंका हो रही है कि सामूहिक दुष्कर्म किया गया और उसी जोर जबर्दस्ती के दौरान हत्या की गई।
पीड़िता का सिर कांच की खिड़की व टेबल आदि से टकराने के कारण उसके चेहरे व आंखों में खून निकलने की आशंका है।
वहीं, उसके प्राइवेट पार्ट में 150 मिलीग्राम सीमेन मिला है, जो सामूहिक दरिंदगी की ओर साफ इशारा कर रहा है।
उसका शरीर घटनास्थल सेमिनार हॉल में निर्वस्त्र मिला, उसके पैर तक टूटे व मुड़े मिले, इससे प्रतीत होता है कि उसका गला भी घोंटा गया।
Kolkata rape case: निर्भया कांड से भी सबक नहीं?
देश में आए दिन और एक दिन में दसियों दुष्कर्म की घटनाएं दर्ज होती हैं। दिल्ली में हुए निर्भया कांड Nirbhaya gang rape case के बाद महिलाओं के प्रति अपराध में सख्त व तुरंत सजा के प्रावधान नहीं किए जा सके।
ऐसे में मामलों में अब कानूनी प्रावधानों में और बदलाव की जरूरत महसूस होने लगी है।
होता यह है कि हर बार की तरह कुछ दिन ऐसे मामलों पर शोर मचता है, लेकिन चंद दिनों बाद उन्हें भुला दिया जाता है।
सरकारें, संगठन व अदालतों का भी रवैया ठंडा हो जाता है। अब वक्त की मांग है कि दुष्कर्म व सामूहिक दुष्कर्म के मामलों के लिए प्रदेश स्तरीय विशेष अदालतें गठित हों और उनमें फटाफट सुनवाई के बाद सजा सुनाई जाए।
इन अदालतों के फैसलों पर अपील का अधिकार न दिया जाए, क्योंकि अब ऐसी वैज्ञानिक जांचें उपलब्ध हैं, जिनसे आरोपी को दोषी सिद्ध करने में तनिक भी देरी नहीं लग सकती है। उन्हीं में से एक है डीएनए जांच DNA test ।
पीड़िता व आरोपी के खून व वजाइनल स्वैब टेस्ट vaginal swab से दोषी का पता लगाना मुश्किल नहीं है।
दुष्कर्म के खिलाफ नए व सख्त कानून में वैज्ञानिक सबूतों के आगे सारे सबूतों को नगण्य मानने का प्रावधान करना चाहिए।
इन तरीकों से जांच व सजा से ही अपराधियों में खौफ पैदा होगा और हर बार नई निर्भया मौत के आगोश में नहीं समाएगी।
Read also :
https://www.thedailynewspost.com/independence-day-modi-speech/