Uttam Singh : 15 वर्ष की उम्र में डॉक्यूमेंटरी में बजाया वायलिन। आरडी बर्मन के मुख्य violinist बने, जगदीश के साथ 65 फिल्मों में दिया संगीत। मध्य प्रदेश के खास संगीत सम्मान लता अलंकरण (Lata Award) के लिए ख्यात संगीत निर्देशक उत्तम सिंह (Uttam Singh ) और पार्श्व गायिका केएस चित्रा (KS Chitra) को चुना गया है।
संगीत की दुनिया की दोनों विभूतियों को 28 सितंबर को भारत रत्न लता मंगेशकर की जन्म स्थली इंदौर में होने वाले सालाना सम्मान समारोह में इस पुरस्कार से अलंकृत किया जाएगा।
Uttam Singh की जिंदगी की 15 बड़ी बातें-
Uttam Singh : 12 की उम्र में सीख लिया तबला बजाना
राजस्थान के जयपुर में 25 मई 1948 को जन्मे उत्तम सिंह को संगीत में रुचि विरासत में मिली। पिता सितार बजाते थे और घर चलाने के लिए गुरुद्वारा में कीर्तनों में संगीत देते थे।
उत्तम सिंह ने मात्र 12 वर्ष की उम्र में तबला और वेस्टर्न वायलिन (violin) बजाना सीख लिया था।
उन्होंने 60 के शुरूआती दशक में संगीत में कॅरियर की शुरूआत वायलिन वादन (violinist) से की।
उस वक्त के मशहूर संगीतकारों नौशाद, रोहन, मदन मोहन, एसडी बर्मन और सी. रामचंद्र के यहां violinist के रूप में काम किया।
Uttam Singh आरडी बर्मन के रहे मुख्य violinist
बाद में एसडी बर्मन के बेटे आरडी बर्मन के मुख्य violinist बन गए।
1963 में बड़ा ब्रेक मिला, जब मोहम्मद सफी (नौशाद के असिस्टेंट) की एक डॉक्यूमेंटरी (documentary) के लिए वायलिन बजाया। उस समय वह मात्र 15 वर्ष के थे।
इसके बाद उत्तम सिंह को मौके मिलते गए। शुरूआत में उन्होंने कई फिल्मों में म्यूजिक असिस्टेंट (Music assistant) और म्यूजिक अरेंजर (Music arranger) के रूप में काम किया।
Uttam Singh और जगदीश की जोड़ी थी हिट
बाद में जगदीश के साथ जोड़ी बनाई। इस जोड़ी ने मनोज कुमार की फिल्म पेंटर बाबू (1983) में पहली बार संगीत दिया और इसके कई गाने बड़े हिट हुए।
राज बब्बर और स्मिता पाटिल की हिट फिल्म वारिस (1988) में संगीत भी इसी जोड़ी का था। दोनों ने अलग- अलग भाषाओं में 65 फिल्मों में संगीत दिया।
Uttam Singh ने इलैयाराजा के साथ किया काम
उत्तम सिंह का तमिल सिनेमा से भी नाता रहा है। वे दशकों तक ख्यात संगीतार इलैयाराजा के सहयोगी बनकर काम करते रहे। इससे उन्हें प्रतिभा को निखारने का मौका मिला।
इलैया राजा को 1998 में लता अलंकरण मिल चुका है और अब उनके शिष्य को यह पुरस्कार मिलने जा रहा है।
Uttam Singh ने दिल तो पागल है, में दिल जीत लिया
1992 में जगदीश के निधन के बाद उत्तम सिंह ने अकेले ही संगीत यात्रा शुरू की और उन्हें ख्याति शाहरुख खान, करिश्मा कपूर, माधुरी दीक्षित और अक्षय कुमार जैसे बड़े हीरो-हीरोइनों से सजी फिल्म दिल तो पागल है (1997) में दिए शानदार संगीत से मिली।
Uttam Singh को Film Fare Award और Zee Cine Award
इस फिल्म के सभी गाने सुपरहिट हुए। और उन्हें Best Music Director को Film Fare Award और Zee Cine Award मिला।
इस फिल्म व इसके संगीत ने बॉलीवुड में धमाल मचा दिया था। इस फिल्म के गाने आज भी लोग गुनगुनाते हैं। इसके 1.25 करोड़ एलबम सेल्स हैं।
2001 में सनी देओल स्टारर गदर एक प्रेमकथा में दिए संगीत ने उन्हें बॉलीवुड में बेहतरीन संगीतकार के रूप में स्थापित कर दिया।
इस फिल्म के गाने और संगीत आज भी लोगों की जुबां पर हैं। इसके 25 लाख एलबम सेल्स हैं। 2023 में आई गदर 2 में भी गीत उड़ जा काले कावा को मिथुन के साथ कंपोज किया।
Uttam Singh के 10 Best गाने
1. दिल तो पागल है….(फिल्म दिल तो पागल है, 1997) : उस दौर के युवाओं के दिलों में रच-बस गया था यह गीत।
2. भोली सी सूरत… (फिल्म दिल तो पागल है, 1997) : उत्त्तम सिंह की मेहनत में लता मंगेशकर और उदित नारायण की सुमधुर आवाज ने जान डाल दी थी।
3. कोई लड़की है… (फिल्म दिल तो पागल है, 1997) : उत्त्तम सिंह के संगीत का जादू था इस गीत में।
4. ओ घर आ जा परदेसी…. (गदर : एक प्रेमकथा, 2001) : बहुत ही इमोशनल सांग, पूरे देश में हिट हुआ था।
5. मुसाफिर जाने वाले… (गदर : एक प्रेमकथा, 2001) : पूरी फिल्म की कथा को बताता हुआ गीत।
6. कब तक चुप बैठे अब तो… (फिल्म दिल तो पागल है, 1997) : लता मंगेशकर और उदित नारायण ने गाया है यह मधुर गीत।
7. प्यार को हो जाने दो… (फिल्म दुश्मन, 1998) : कुमार शानू और लता मंगेशकर की आवाज में रोमांटिक गीत।
8. चिट्ठी न कोई संदेश… (फिल्म दुश्मन, 1998) : जगजीत और लता मंगेशकर की आवाज में दर्दभरा गीत।
9. उड़ जा काले कावा.. (फिल्म गदर 2, 2023) : मिथुन के साथ इस गीत को उत्तम सिंह ने कंपोज किया है।
10. हम तुम पे मरते हैं..(फिल्म हम तुम पे मरते हैं, 1999) : गोविंदा और उर्मिला मातोंडकर अभिनीत इस फिल्म के गीत भी अच्छे थे।
हर साल दिया जाता है लता सम्मान
मध्य प्रदेश का संस्कृति विभाग हर साल लता मंगेशकर की जयंती पर यह पुरस्कार प्रदान करता है।
देश की महान गायिका लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर, 1929 को इंदौर में हुआ था। लताजी का निधन 6 फरवरी, 2022 को मुंबई में हुआ।
इंदौर में होगा पुरस्कार समारोह
उस्ताद अलाउद्दीन खान संगीत एवं कला अकादमी के निदेशक जयंत भिसे के अनुसार पुरस्कार वितरण समारोह 28 सितंबर को लता मंगेशकर को समर्पित हाल ही में बनाए गए ऑडिटोरियम में रखा जाएगा।
इसे मध्य प्रदेश सरकार ने लता जी की स्मृति में बनवाया है। 1984 में स्थापित इस पुरस्कार का उद्देश्य सुगम संगीत के क्षेत्र में कलात्मक उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करना है।
इसमें दो लाख रुपये का नकद पुरस्कार और एक प्रशस्ति पत्र दिया जाता है।
अब तक इन्हें लता सम्मान
1985 से शुरू यह सम्मान अब तक नौशाद, किशोर कुमार और आशा भोसले, लक्ष्मीकांत प्यारेलाल, महेंद्र कपूर, सुरेश वाडकर, एआर रहमान समेत 36 संगीत से जुड़ी नामचीन हस्तियों को मिल चुका है।
यह भी देखें :
https://youtu.be/OEpFiDKqH7E?si=LybNQ9L02XGDV8sL
यह भी पढ़ें :