Chandipura Virus: नया खतरा, गुजरात में 28 बच्चों की मौत। 1965 में महाराष्ट्र के चांदीपुरा गांव में यह फैला था, इसलिए इसका नाम चांदीपुरा वायरस रखा गया।
28 अगस्त 2024।
कोरोना से लगभग उबर चुके देश में चांदीपुरा वायरस (Chandipura Virus) का नया खतरा पैदा हो गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे लेकर अलर्ट जारी किया है।
Chandipura Virus: इस बार प्रकोप ज्यादा
पिछले 20 सालों में इस बार चांदीपुरा वायरस (Chandipura Virus) का प्रकोप ज्यादा देखा जा रहा है। चांदीपुरा वायरस से मौतों को दर कोरोना से तीन गुना ज्यादा बताई जा रही है।
पहली बार 1965 में महाराष्ट्र के चांदीपुरा गांव में इसका संक्रमण फैला था, इसलिए इसका नाम चांदीपुरा वायरस रखा गया। यह बच्चों के लिए नया खतरा है।
2024 में अब तक देश में चांदीपुरा वायरस (Chandipura Virus) के 240 से अधिक मामले सामने आए हैं और इनमें से 80 से ज्यादा की मौत हो चुकी है।
इस वायरस से मृत्यु दर 30 फीसदी से ज्यादा है, यानि हर 100 मरीजों में से 30 की मौत हो रही है। कोरोना के मुकाबले यह 30 गुना से अधिक है।
Chandipura Virus: 43 जिलों में संक्रमण
देश के 43 जिले चांदीपुरा वायरस (Chandipura Virus) के संक्रमण से जूझ रहे हैं। डब्ल्यूएचओ ने 23 अगस्त को भारत में चांदीपुरा वायरस के संक्रमण को लेकर अलर्ट जारी किया है।
हालांकि, अच्छी बात यह है कि यह वायरस एक से दूसरे इंसान को संक्रमित नहीं करता है और फिलहाल ऐसे संक्रमण फैलने के संकेत नहीं मिले हैं।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार इसके भारत के अलावा अन्य देशों में भी इसके फैलने के सबूत अभी नहीं मिले हैं।
Chandipura Virus: गुजरात में 28 बच्चों की मौत
गुजरात में इस साल जुलाई से अगस्त में चांदीपुरा वायरस (Chandipura Virus) से 28 बच्चों की मौत हो चुकी है।
बुधवार को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने विधानसभा में बताया कि चांदीपुरा वायरस के लक्षण फ्लू जैसे होते हैं।
यह मच्छरों टिक्स और सैंडफ्लाई द्वारा फैलता है। पटेल ने कहा कि 14 साल से कम उम्र के 101 बच्चों की इंसेफेलाइटिस से मौत हो चुकी है।
Chandipura Virus: मच्छरों व मक्खी से फैलता है
प्रसिद्ध हेल्थ जर्नल ‘द लैंसेट’ के अनुसार चांदीपुरा वायरस (Chandipura Virus) पहली बार 1965 में महाराष्ट्र के नागपुर जिले के एक चांदीपुरा गांव में बुखार से पीड़ित दो वयस्कों की जांच में पाया गया था।
इसीलिए इसे चांदीपुरा वायरस नाम दिया गया है। यह मच्छरों, मक्खियों और कीटों से पनपता है।
बारिश के दिनों में यह मादा सैंडफ्लाई के काटने से फैलता है। बारिश के दिनों में मच्छरों का फैलाव रोकने के उपाय आवश्यक है।
इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार डेंगू फैलाने वाला एडीज प्रजाति का मच्छर भी इसे फैलाने में सहायक हो सकता है।
Chandipura Virus: ये हैं लक्षण
चांदीपुरा वायरस (Chandipura Virus) से प्रभावित व्यक्ति में तेज बुखार के साथ मस्तिष्क में संक्रमण ‘एन्सेफलाइटिस’ या ज्वर होता है।
इसके संक्रमण से मस्तिष्क के ऊतकों में सूजन आ जाती है।
तेज बुखार, उल्टी, मनोदशा बदलना या सुध नहीं रहना।
दस्त, बोलने में असमर्थता, संतुलन बिगड़ना, देखने में परेशानी।
इसके इलाज के लिए अभी कोई टीका या वैक्सीन नहीं है।
इसे काबू में करने के लिए ऑक्सीजन थेरेपी, इलेक्ट्रोलाइट संतुलन और दवाएं उपयोग में ली जाती हैं।
Chandipura Virus: ऐसे करें बचाव
इसे फैलने से रोकने के लिए मच्छरों व मक्खियों के खात्मे के लिए कीटनाशकों का छिड़काव, स्वच्छता, पर्यावरण नियंत्रण, जिसमें कचरे और कूड़े का निपटान। पूरी आस्तीन के कपड़े, मच्छर से बचाव के लिए जेट या जेल का उपयोग किया जा सकता है।
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