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DigitalArrest: अब आईआईटी बॉम्बे के छात्र से ऐंठे 7.29 लाख रुपए

साइबर ठगों ने ट्राई का अफसर बन फर्जी मनी लॉड्रिंग मामले में धमकाया

डिजिटल अरेस्ट (DigitalArrest) के बढ़ते मामलों ने साइबर सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जानें कैसे ठग मनी लॉन्ड्रिंग और गिरफ्तारी का डर दिखाकर लाखों रुपये ऐंठ रहे हैं। आईआईटी छात्र के 7.29 लाख रुपये गंवाने की घटना से सीखें सतर्कता के उपाय। जानें डिजिटल अरेस्ट क्या है, कैसे यह साइबर ठगी का एक हथकंडा है, और इससे बचने के लिए जरूरी कदम। साइबर क्राइम हेल्पलाइन, शिकायत प्रक्रिया, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सतर्कता सलाह सहित पूरी जानकारी। सतर्क रहें, जागरूक बनें और ठगी से बचें।

देश में डिजिटल अरेस्ट (DigitalArrest) के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। यह साइबर अपराधियों द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला एक नया हथकंडा है, जिसमें लोगों को डरा-धमकाकर उनसे बड़ी रकम ऐंठी जाती है। हाल ही में आईआईटी बॉम्बे के एक छात्र के साथ हुई घटना ने इस समस्या को फिर से चर्चा में ला दिया।

DigitalArrest: गिरफ्तारी से बचने के लिए पहले 29,500 रुपये मांगे

आईआईटी बॉम्बे के एक छात्र को एक अज्ञात नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को ट्राई (TRAI) का अधिकारी बताया और आरोप लगाया कि छात्र के मोबाइल नंबर से अवैध गतिविधियों की 17 शिकायतें दर्ज हैं। उसने धमकी दी कि यदि छात्र पुलिस का अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) नहीं लाएगा, तो उसका मोबाइल नंबर बंद कर दिया जाएगा।

इसके बाद कॉल को एक दूसरे नंबर पर ट्रांसफर किया गया। इस नए कॉलर ने खुद को पुलिस अधिकारी बताया और छात्र को व्हॉट्सएप वीडियो कॉल की। वीडियो कॉल में पुलिस की वर्दी पहने हुए ठग ने छात्र पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया। ठग ने छात्र से आधार कार्ड मांगा और कहा कि गिरफ्तारी से बचने के लिए तत्काल 29,500 रुपये यूपीआई से ट्रांसफर करें।

DigitalArrest का झांसा

ठग ने कहा कि छात्र को डिजिटल अरेस्ट (DigitalArrest) कर लिया गया है, और वह न तो कहीं जा सकता है, न ही किसी को कॉल कर सकता है। डर के कारण छात्र ने मांगी गई रकम ट्रांसफर कर दी। अगले दिन फिर कॉल आया, और ठगों ने छात्र को और पैसे देने के लिए मजबूर किया। धीरे-धीरे छात्र ने ठगों को अपने बैंक खाते की जानकारी भी दे दी। इसके बाद, ठगों ने 7 लाख रुपये उसके खाते से उड़ा लिए।

DigitalArrest: ठगी का झूठा तरीका

छात्र ने घटना के बाद इंटरनेट पर जब “डिजिटल अरेस्ट (DigitalArrest)” के बारे में जानकारी खोजी, तो उसे पता चला कि ऐसा कोई कानून या प्रक्रिया भारत में मौजूद नहीं है। डिजिटल अरेस्ट का प्रावधान न तो राज्य पुलिस में है और न ही किसी केंद्रीय एजेंसी जैसे सीबीआई या ईडी में। यह पूरी तरह से साइबर ठगी का तरीका है। इसके बाद छात्र ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई।

खुद को कैसे बचाएं?

डिजिटल अरेस्ट (DigitalArrest) जैसी ठगी से बचने के लिए सतर्क रहना बेहद जरूरी है। अगर आपको ऐसी कोई कॉल आती है, तो इन बातों का ध्यान रखें:

अनजान कॉल से सावधान रहें:
  • अज्ञात नंबर से आने वाले कॉल्स और संदेशों का जवाब न दें।
निजी जानकारी साझा न करें:
  • अपनी बैंक खाता संख्या, आधार कार्ड, पासवर्ड या पिन जैसी निजी जानकारी किसी से साझा न करें।
संदिग्ध कॉल की रिपोर्ट करें:
  • ऐसे कॉल के नंबर को तुरंत साइबर क्राइम पुलिस में रिपोर्ट करें।
वीडियो कॉल पर भरोसा न करें:
  • किसी वर्दीधारी व्यक्ति का वीडियो कॉल ठगों का भ्रम हो सकता है। इस पर बिना पुष्टि किए भरोसा न करें।

साइबर क्राइम की रिपोर्टिंग कैसे करें?

डिजिटल ठगी के मामले में तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन से संपर्क करें।

  • राष्ट्रीय साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर: 1930
  • इंदौर पुलिस साइबर हेल्पलाइन: 704912-4445
  • ऑनलाइन शिकायत पोर्टल: cybercrime.gov.in

शिकायत दर्ज कराते समय निम्न जानकारी दें:

  • शिकायतकर्ता का नाम, पता, और संपर्क जानकारी।
  • ठगी से संबंधित विवरण जैसे लेन-देन की तारीख, ट्रांजैक्शन आईडी, और ठगी गई राशि।
  • ठगों के बारे में उपलब्ध जानकारी जैसे नाम, नंबर, और खाते की डिटेल्स।
  • ठगी के सबूत, जैसे स्क्रीनशॉट, कॉल रिकॉर्डिंग, या ईमेल।

प्रधानमंत्री मोदी की चेतावनी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में मन की बात कार्यक्रम में डिजिटल अरेस्ट (DigitalArrest) की ठगी के खिलाफ चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा:

  • देश की कोई भी जांच एजेंसी डिजिटल अरेस्ट नहीं करती।
  • वीडियो कॉल या फोन कॉल पर किसी तरह की पूछताछ नहीं की जाती।
  • किसी अज्ञात कॉलर की धमकी से घबराएं नहीं और जल्दबाजी में कोई कदम न उठाएं।
    DigitalArrest से बचने के पीएम मोदी के तीन मंत्र
    प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

डिजिटल अरेस्ट (DigitalArrest) एक धोखाधड़ी का तरीका है, जिसका मकसद लोगों को डरा-धमकाकर उनकी मेहनत की कमाई हड़पना है। इसे रोकने का सबसे प्रभावी तरीका सतर्कता और जागरूकता है। अगर आपको ऐसी किसी घटना का सामना करना पड़े, तो तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर संपर्क करें और पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं।

सतर्क रहें, सुरक्षित रहें।

यह भी पढ़ें:

https://www.thedailynewspost.com/digital-arrest-2/

https://www.thedailynewspost.com/digital-arrest/

https://youtu.be/_rU9GCv8xRk?si=sX-ad4yfM1rNzEDl

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