वंदे भारत ट्रेन (VandeBharat Train): भारतीय रेल का नया आयाम! रेल सफर को आसान और सुविधाजनक बनाते हुए ये ट्रेनें यात्रियों को विश्वस्तरीय अनुभव प्रदान करती हैं।
भारतीय रेलवे लगातार अपने यात्रियों को बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिए नई पहल कर रहा है। वंदे भारत ट्रेनों को इसी दिशा में क्रांतिकारी कदम कहा जा सकता है। आधुनिक सुविधाओं और प्रौद्योगिकी के साथ, ये ट्रेनें भारतीय रेल को विश्वस्तरीय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। साथ ही यात्रियों को एक नए अनुभव से भी अवगत करा रही हैं।
आइए जानते हैं, वंदे भारत ट्रेन (VandeBharat Train): से जुड़ी 5 प्रमुख बातें, जो इन्हें भारतीय रेल का भविष्य बनाती हैं।
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VandeBharat स्लीपर ट्रेनें: लंबी दूरी की यात्रा के लिए तैयार
रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में एक वक्तव्य में बताया कि वर्तमान में, 10 वंदे भारत ट्रेन (VandeBharat) स्लीपर ट्रेनें निर्माणाधीन हैं। इनमें से पहला प्रोटोटाइप तैयार हो चुका है और इसका फील्ड ट्रायल जल्द शुरू होगा।
इसके अतिरिक्त, 200 वंदे भारत (VandeBharat) स्लीपर रेक के निर्माण का जिम्मा प्रौद्योगिकी साझेदारों को सौंपा गया है। ये स्लीपर ट्रेनें लंबी दूरी की यात्राओं के लिए यात्रियों को अधिक सुविधा और आराम प्रदान करेंगी।
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136 वंदे भारत सेवाएं: छोटी और मध्यम दूरी के लिए आदर्श
2 दिसंबर, 2024 तक की स्थिति में, भारतीय रेल के ब्रॉड गेज विद्युतीकृत नेटवर्क पर 136 वंदे भारत (VandeBharat) चेयर कार ट्रेनें सेवाएं दे रही हैं। ये ट्रेनें छोटी और मध्यम दूरी की यात्रा को तेज और आरामदायक बनाती हैं। अक्टूबर 2024 तक इन ट्रेनों की कुल क्षमता 100% से अधिक थी। यह यात्रियों के लिए बड़ा बदलाव लेकर आई है।
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एलएचबी कोचों का उत्पादन: सुरक्षा और सुविधा में वृद्धि
मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि भारतीय रेल की उत्पादन इकाइयां अप्रैल 2018 से केवल एलएचबी (लिंके हॉफमैन बुश) कोच का निर्माण कर रही हैं। 2014-24 के दौरान निर्मित एलएचबी कोचों की संख्या 36,933 तक पहुंच गई है, जो 2004-14 के दौरान बने 2,337 कोचों से 16 गुना अधिक है। इन कोचों में एंटी-क्लाइंबिंग व्यवस्था, एयर सस्पेंशन, और कम संक्षारक शेल जैसी उन्नत सुविधाएं हैं, जो यात्रियों के सफर को सुरक्षित और आरामदायक बनाती हैं।
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दिव्यांगजनों के लिए सुविधाएं: समावेशी यात्रा का अनुभव
मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि “सुगम्य भारत मिशन” के तहत, भारतीय रेल दिव्यांगजनों और कम गतिशीलता वाले यात्रियों के लिए विशेष सुविधाएं प्रदान कर रहा है। दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत, रैंप, सुलभ पार्किंग, ब्रेल संकेत, कम ऊंचाई वाले काउंटर, और लिफ्ट/एस्कलेटर जैसी सुविधाएं रेलवे स्टेशनों पर उपलब्ध कराई गई हैं।
- नवंबर 2024 तक 399 स्टेशनों पर 1,512 एस्कलेटर और 609 स्टेशनों पर 1,607 लिफ्टें लगाई जा चुकी हैं।
- वंदे भारत (VandeBharat) ट्रेनें दिव्यांगजनों के लिए स्वचालित दरवाजे, ब्रेल साइनेज, और विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए स्थानों जैसी सुविधाएं प्रदान करती हैं।
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वंदे भारत (VandeBharat) : आधुनिक तकनीक और तेज गति का संयोजन
वंदे भारत (VandeBharat) ट्रेनें आधुनिक तकनीक और तेज गति के साथ भारतीय रेल को एक नई पहचान दे रही हैं। इनके स्वचालित दरवाजे, बेहतर सस्पेंशन, और एयर-कंडीशनिंग प्रणाली यात्रियों को विश्वस्तरीय अनुभव प्रदान करते हैं। ये ट्रेनें पर्यावरण के अनुकूल भी हैं, क्योंकि ये बिजली से चलती हैं और कार्बन उत्सर्जन को कम करती हैं।
निष्कर्ष: वंदे भारत के साथ भविष्य की यात्रा
वंदे भारत (VandeBharat) ट्रेनें न केवल गति और आराम का प्रतीक हैं, बल्कि यह भारतीय रेल की विकास यात्रा का अभिन्न हिस्सा भी हैं। यात्री सुविधा, सुरक्षा, और समावेशिता को प्राथमिकता देते हुए, भारतीय रेल ने इन ट्रेनों के माध्यम से अपने यात्रियों के अनुभव को नया आयाम दिया है। ये 5 कारण स्पष्ट करते हैं कि वंदे भारत (VandeBharat) ट्रेनें भारतीय रेल का भविष्य क्यों हैं।
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