प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 117वीं कड़ी में कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने विशेष रूप से आगामी प्रयागराज महाकुंभ (PrayagrajMahakumbh)का जिक्र किया, जो 13 जनवरी से प्रारंभ हो रहा है। प्रधानमंत्री ने इसे भारतीय संस्कृति और एकता का प्रतीक बताया और इसकी तैयारियों को लेकर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की।प्रयागराज महाकुंभ 2025, 13 जनवरी से शुरू! जानें 5 प्रमुख आकर्षण, डिजिटल नेविगेशन, AI चैटबॉट, और आध्यात्मिक अनुभव। एकता और विविधता का यह पर्व करोड़ों श्रद्धालुओं को संगम तट पर लाएगा। तैयारियां चरम पर हैं।
PrayagrajMahakumbh: भव्यता और विविधता का पर्व
प्रधानमंत्री मोदी ने प्रयागराज महाकुंभ (PrayagrajMahakumbh) के आयोजन की भव्यता और उसकी आध्यात्मिक महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि कुंभ केवल अपने विशाल स्वरूप के लिए ही नहीं, बल्कि अपनी विविधता के लिए भी प्रसिद्ध है। यह आयोजन दुनिया के सबसे बड़े और अनोखे सामाजिक-धार्मिक आयोजनों में से एक है।
उन्होंने कहा कि यहां करोड़ों श्रद्धालु संगम के पवित्र जल में स्नान करने आते हैं। लाखों संत, हजारों परंपराएं, सैकड़ों संप्रदाय और अनेक अखाड़े इस आयोजन का हिस्सा बनते हैं। प्रयागराज महाकुंभ (PrayagrajMahakumbh) का सबसे बड़ा संदेश ‘अनेकता में एकता’ है, जहां कोई बड़ा या छोटा नहीं होता और कोई भेदभाव नजर नहीं आता। प्रधानमंत्री ने इसे “एकता का महाकुंभ” करार दिया और कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य समाज में विभाजन और विद्वेष को समाप्त करना है।
महाकुंभ का संदेश
प्रधानमंत्री ने प्रयागराज महाकुंभ (PrayagrajMahakumbh) के संदेश को सरल शब्दों में प्रस्तुत करते हुए कहा:
“महाकुंभ का संदेश, एक हो पूरा देश।
गंगा की अविरल धारा, न बँटे समाज हमारा।”
प्रधानमंत्री ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे इस संदेश को आत्मसात करें और समाज में एकता और शांति का संकल्प लेकर लौटें।
डिजिटल युग में प्रयागराज महाकुंभ
उन्होंने अगले महीने 13 तारीख से प्रारंभ हो रहे प्रयागराज महाकुंभ (PrayagrajMahakumbh) का जिक्र करते हुए बताया कि इस समय वहां संगम तट पर जबरदस्त तैयारियाँ चल रही हैं। उन्होंने कहा, मुझे याद है, अभी कुछ दिन पहले जब मैं प्रयागराज गया था तो हेलिकॉप्टर से पूरा कुम्भ क्षेत्र देखकर दिल प्रसन्न हो गया था। इतना विशाल! इतना सुंदर! इतनी भव्यता!
पीएम मोदी ने बताया कि इस बार का महाकुंभ केवल आध्यात्मिक ही नहीं, बल्कि डिजिटल महाकुंभ भी होगा। प्रधानमंत्री ने बताया कि प्रयागराज महाकुंभ (PrayagrajMahakumbh) में पहली बार आधुनिक तकनीकों का व्यापक इस्तेमाल किया जाएगा, जो श्रद्धालुओं के अनुभव को और भी सुगम और सुविधाजनक बनाएगा।
- डिजिटल नेविगेशन सिस्टम: श्रद्धालु इस प्रणाली की मदद से विभिन्न घाटों, मंदिरों और अखाड़ों तक आसानी से पहुंच सकेंगे।
- एआई चैटबॉट: 11 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध यह चैटबॉट टेक्स्ट और आवाज के माध्यम से किसी भी तरह की जानकारी प्रदान करेगा।
- एआई-पावर्ड कैमरा सिस्टम: मेला क्षेत्र को AI-पावर्ड कैमरों से कवर किया जा रहा है। यदि कोई व्यक्ति अपने परिचितों से बिछड़ जाता है, तो यह प्रणाली उन्हें ढूंढने में मदद करेगी।
- डिजिटल लॉस्ट एंड फाउंड सेंटर: श्रद्धालु इस सुविधा के माध्यम से खोए हुए लोगों या सामान की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
- मोबाइल सुविधाएं: श्रद्धालु अपने मोबाइल पर सरकारी-प्रमाणित टूर पैकेज, ठहरने की व्यवस्था और होमस्टे के विकल्पों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
पर्यटकों के लिए विशेष सुविधाएं
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ (PrayagrajMahakumbh) में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु इन डिजिटल सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। इसके अलावा, उन्होंने #एकता_का_महाकुंभ के साथ सेल्फी अपलोड करने का आग्रह किया, ताकि लोग इस अद्भुत आयोजन से जुड़ाव महसूस कर सकें।
क्यों है महाकुंभ महत्वपूर्ण?
महाकुंभ भारतीय संस्कृति का प्रतीक है, जो धार्मिक, सामाजिक और आध्यात्मिक स्तर पर लाखों लोगों को एकजुट करता है। यह आयोजन न केवल देश की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजता है, बल्कि विश्व को भी ‘अनेकता में एकता’ का संदेश देता है।
इस बार के प्रयागराज महाकुंभ में आधुनिक तकनीक और पारंपरिक आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। तो आइए, इस ऐतिहासिक आयोजन का हिस्सा बनें और एकता, शांति और आध्यात्मिकता के इस महोत्सव में शामिल हों। महाकुंभ में मिलते हैं!
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