चीन में फैल रहे संक्रामक रोग ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस HMPV ने भारत समेत विश्व के आठ देशों में दस्तक दे दी है। हालांकि, यह कोविड जैसा खतरनाक नहीं माना जा रहा है, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ ने इसे लेकर सावधान रहने को कहा है। भारत के चार राज्यों कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु में इसके कुल 8 मरीज मिले हैं।
60 साल पुराना है HMPV
चीन में HMPV के मरीजों की बढ़ती तादाद के बीच विशेषज्ञों और चिकित्सकों ने कहा है कि यह 60 साल पुराना वायरस है, इसलिए इसे लेकर बहुत भयभीत होने की जरूरत नहीं है। हालांकि, इसके लक्षण 2019 से 2022 तक दुनियाभर में तांडव करने वाले कोविड-19 वायरस जैसे ही हैं। इसलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे लेकर सतर्क रहने को कहा है।
कोविड-19 भी चीन से ही फैला था
बता दें, इससे पहले कोविड-19 भी चीन से ही फैला था। उसने देखते देखते पूरी दुनिया को चपेट में ले लिया था और लाखों लोगों की मौत हो गई थी। करीब तीन साल तक कोविड-19 ने दुनियाभर में मौत का नंगा नाच किया था। करोड़ों लोग इस संक्रमण के शिकार हुए और लाखों ने दम तोड़ दिया था। भारत में 100 करोड़ से ज्यादा लोगों को कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान चलाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया गया था।
भारत में अब तक आठ मामले
कर्नाटक में दो बच्चों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इनमें से एक संक्रमित बच्चे को डिस्चार्ज कर दिया गया। इसके बाद एक के बाद तमिलनाडु, गुजरात और महाराष्ट्र में HMPV से जुड़े केस दर्ज हुए। कर्नाटक में तीन महीने की बच्ची और आठ महीने के बच्चे में एचएमपीवी वायरस पाया गया। इन दोनों की ही मेडिकल हिस्ट्री में ब्रॉन्कोन्यूमोनिया मिला। इस स्थिति में बच्चों के फेफड़ों की कोशिकाओं में सूजन आ जाती है और उन्हें जुकाम, सीने में जकड़न और बुखार की शिकायत होती है। वहीं, नागपुर में सात साल और 13 साल के दो बच्चे एचएमपीवी से संक्रमित मिले हैं। मुंबई में जिस बच्चे को संक्रमित पाया गया, उसे जुकाम-बुखार के अलावा सीने में जकड़न की शिकायत थी। उसका ऑक्सीजन लेवल भी 84 फीसदी तक आ गया था। हालांकि, उसकी स्थिति में सुधार होने के बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया गया। वहीं, अहमदाबाद में तीन महीने के बच्चे को संक्रमित पाया गया। उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था, लेकिन अब उसकी हालत स्थिर है। उसके माता-पिता राजस्थान के डूंगरपुर के रहने वाले हैं। तमिलनाडु में भी दो लोगों में एचएमपीवी की पुष्टि हुई है।
विश्व के इन देशों में मिले मरीज
चीन : अधिकृत आंकड़े नहीं, पर सैकड़ों मरीज
के संक्रामक रोग संस्थान के निदेशक कैन बियाओ ने बताया था कि 14 साल से कम उम्र के बच्चों में एचएमपीवी संक्रमण तेजी से फैल रहा है। हालांकि, उन्होंने इससे जुड़ा कोई आंकड़ा नहीं दिया। चीन में बीमारियों के आंकड़े छिपाने की पुरानी परंपरा है, इसलिए कोविड की तरह ही HMPV के भी अधिकृत आंकड़े सामने नहीं आ रहे हैं। कहा जा रहा है कि चीन में HMPV के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं और इससे मौतें भी हो रही हैं। वियतनाम की एक सरकारी वेबसाइट की मानें तो ‘चीन के ‘हो ची मिन्ह’ शहर में हर महीने ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के 16 से 18 हजार केस दर्ज हुए।
ब्रिटेन : जुकाम के मरीजों में 4.5 फीसदी एचएमपीवी
ब्रिटेन में बीते दिनों में एचएमपीवी के केसों में बढ़ोतरी दर्ज हुई। पिछले साल के अंत में लोगों में HMPV से जुड़े संक्रमण के मामले 4.53 फीसदी तक पहुंच गए।
अमेरिका : स्थिति चिंताजनक नहीं
अमेरिका में भी बीते महीनों में एचएमपीवी के केस दर्ज हुए हैं। सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) के मुताबिक अमेरिका में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस केसों में बढ़ोतरी की रिपोर्ट्स की जांच कर रहा है। हालांकि, सीडीसी ने लोगों से कहा है कि मौजूदा समय में चिंता करने की जरूरत नहीं है।
मलेशिया: मलेशिया में एचएमपीवी के 327 मामले दर्ज किए गए हैं। ये 2023 में मिले कुल 225 मामलों से 45 फीसदी ज्यादा हैं।
कजाकिस्तान : 30 संक्रमित मिले
कजाकिस्तान में 30 लोग एचएमपीवी से संक्रमित पाए गए हैं। एचएमपीवी के स्ट्रेन की पहचान कर ली गई है।
ग्रीस : ग्रीस में भी ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस का एक केस दर्ज किया गया है। 71 वर्षीय बुजुर्ग HMPV से संक्रमित मिला।
सिंगापुर : HMPV के कई मरीज मिले हैं। देश में सर्दी, जुकाम-बुखार, कफ या सांस लेने में समस्या की शिकायत लेकर आए कुल मरीजों में से एचएमपीवी मरीजों की दर 5 फीसदी से 9 फीसदी हो गई है।