
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक नीतियों और सुधारों ने 10 वर्अषों में अब तक भारत को लाखों करोड़ रुपए की बचत (Saving) कराई है। जानिए कैसे DBT, कर सुधार, जनकल्याण योजनाओं और ऊर्जा सुरक्षा ने देश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया।
बचत (Saving) और विकास: प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण से
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब दिया। उन्होंने बचत (Saving) के आँकड़ों का सिलसिलेवार जिक्र करते हुए और भारत की आर्थिक नीतियों को केंद्र में रखते हुए कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कैसे सरकार की नीतियाँ आम जनता की बचत (Saving) को प्रोत्साहित कर रही हैं और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा दे रही हैं।
बचत और सुशासन का तालमेल
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में ‘बचत (Saving) भी, विकास भी’ के सिद्धांत पर बल दिया। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि सरकार ने कई ऐसे कदम उठाए हैं, जिनसे सरकारी खजाने की बचत (Saving) हुई है, और उन बचाए गए संसाधनों का उपयोग राष्ट्र निर्माण में किया गया है।
- डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) से बचत:
- DBT के माध्यम से 40 लाख करोड़ रुपये सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजे गए।
- यह व्यवस्था पारदर्शिता लाने के साथ-साथ भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में कारगर सिद्ध हुई।
- फर्जी लाभार्थियों की पहचान और सरकारी धन की सुरक्षा:
- 10 करोड़ फर्जी लाभार्थियों को योजनाओं से हटाया गया, जिससे सरकार के 3 लाख करोड़ रुपये बचाए गए।
- इन बचाए गए पैसों को वास्तविक लाभार्थियों तक पहुँचाने का कार्य किया गया।
- सरकारी खरीद और जेम पोर्टल:
- सरकारी खरीद की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए जेम (GeM) पोर्टल का उपयोग किया गया।
- इससे 1,15,000 करोड़ रुपये की बचत हुई।
- स्वच्छता अभियान और कबाड़ नीति:
- सरकारी कार्यालयों से कबाड़ हटाने की नीति के तहत 2,300 करोड़ रुपये की कमाई हुई।
- यह पहल सरकारी परिसंपत्तियों के बेहतर उपयोग को सुनिश्चित करती है।
जनता की व्यक्तिगत बचत (Saving) को बढ़ावा
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी बताया कि सरकार की विभिन्न योजनाएँ न केवल सरकारी बचत (Saving) में योगदान दे रही हैं, बल्कि आम नागरिकों की जेब में भी अधिक पैसा बचाने में मदद कर रही हैं।
- आयुष्मान भारत योजना:
- इस योजना के अंतर्गत लाखों लोगों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवा मिली।
- इससे नागरिकों के लगभग 1.2 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई।
- जन औषधि केंद्र:
- सस्ती दवाइयाँ उपलब्ध कराने के लिए जन औषधि केंद्र खोले गए।
- इन केंद्रों से दवा खरीदने वालों ने अब तक 30,000 करोड़ रुपये की बचत (Saving) की।
- नल से जल योजना:
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, इस योजना के तहत जल संकट का समाधान किया गया।
- इससे हर परिवार को औसतन 40,000 रुपये की वार्षिक बचत हुई।
- मुफ्त अनाज योजना:
- गरीब परिवारों को मुफ्त राशन प्रदान किया गया, जिससे उनके मासिक खर्च में कमी आई।
- सौर ऊर्जा और बिजली बचत:
- पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से प्रत्येक परिवार को 25,000 से 30,000 रुपये की वार्षिक बचत (Saving) हुई।
- एलईडी बल्ब अभियान से 20,000 करोड़ रुपये की बचत हुई।
कर सुधार और मध्यवर्गीय बचत
- आयकर छूट में वृद्धि:
- पहले 2 लाख रुपये तक की आय पर कर छूट थी, जिसे बढ़ाकर 12 लाख रुपये किया गया।
- इससे मध्यम वर्गीय परिवारों को भारी राहत मिली।
- स्टैंडर्ड डिडक्शन और कर बचत:
- नए कर सुधारों के कारण अब वेतनभोगी वर्ग को 12.75 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं देना होगा।
इथेनॉल ब्लेंडिंग और ऊर्जा सुरक्षा
प्रधानमंत्री ने इथेनॉल ब्लेंडिंग को ऊर्जा आत्मनिर्भरता का महत्वपूर्ण हिस्सा बताया।
- 100,000 करोड़ रुपये की बचत:
- इथेनॉल मिश्रित ईंधन से पेट्रोल-डीजल की आयात लागत में भारी कमी आई।
- इससे किसानों की आय में वृद्धि हुई और देश की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत हुई।
बचत और विकास: संतुलन की नीति
प्रधानमंत्री मोदी का दृष्टिकोण स्पष्ट है – बचत का सीधा संबंध विकास से है। सरकार द्वारा बचाए गए प्रत्येक रुपये का उपयोग आधारभूत संरचना, शिक्षा, स्वास्थ्य, और ग्रामीण विकास में किया गया है।
- 2014 में बुनियादी ढांचे का बजट 1.8 लाख करोड़ रुपये था, जो अब 11 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
- रेलवे, हाईवे, और ग्राम सड़क योजना जैसी परियोजनाओं में इस धन का निवेश किया गया है।
बचत और सुशासन का तालमेल
बचत का स्रोत | बचत की राशि (₹ में) |
फर्जी लाभार्थियों की पहचान | 3 लाख करोड़ |
सरकारी खरीद और जेम पोर्टल | 1.15 लाख करोड़ |
स्वच्छता अभियान और कबाड़ नीति | 2,300 करोड़ |
आयुष्मान भारत योजना | 1.2 लाख करोड़ |
जन औषधि केंद्र से दवा बचत | 30,000 करोड़ |
नल से जल योजना (प्रति परिवार वार्षिक बचत) | 40,000 रुपये |
मुफ्त अनाज योजना | लाखों गरीब परिवारों को लाभ |
पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना | 25,000 – 30,000 रुपये प्रति परिवार |
एलईडी बल्ब योजना | 20,000 करोड़ |
इथेनॉल ब्लेंडिंग से बचत | 1 लाख करोड़ |
कर सुधार और मध्यवर्गीय बचत
कर सुधार का प्रकार | लाभ (₹ में) |
आयकर छूट सीमा वृद्धि | 12 लाख तक कर मुक्त |
स्टैंडर्ड डिडक्शन एवं कर छूट | 12.75 लाख तक कर राहत |
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री मोदी का ‘बचत और विकास’ मॉडल भारत के आर्थिक परिवर्तन की नींव रख रहा है। सरकारी नीतियों ने न केवल सरकारी धन की बचत की है, बल्कि नागरिकों की व्यक्तिगत बचत को भी बढ़ाया है। यह पारदर्शिता, सुशासन, और आर्थिक आत्मनिर्भरता का उदाहरण है। आने वाले वर्षों में, इन पहलों का प्रभाव भारत की आर्थिक स्थिरता और विकास दर को और अधिक मजबूती देगा।
भारत का भविष्य बचत और विकास के इस सुनहरे संतुलन पर निर्भर करेगा।
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