
दही (Curd) भारतीय रसोई का एक अभिन्न हिस्सा है, जो न केवल स्वाद में बेहतरीन होता है, बल्कि इसे आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों में स्वास्थ्यवर्धक माना गया है। 117 वर्ष की स्पेन की मारिया ब्रन्यास मोरेरा और 113 वर्ष की सिंगापुर की टेरेसा हसु ने भी अपनी लंबी उम्र का श्रेय दही (Curd) को अपने आहार में शामिल करने को दिया था। 70% भारतीयों की पाचन से जुड़ी समस्याओं का समाधान एक कटोरी दही में छुपा है। शोध कहते हैं, जिन लोगों ने दही को रोज़मर्रा का हिस्सा बनाया, उनकी गैस्ट्रिक समस्या में 65% की कमी आई और वैज्ञानिक शोध के अनुसार, दही खाने से आंत की सेहत में 60% तक सुधार संभव है।
🧬 दही (Curd) क्या है?
दही (Curd) एक दुग्ध-उत्पाद है जिसे फर्मेंटेशन द्वारा तैयार किया जाता है। इसमें Lactic Acid Bacteria दूध में मौजूद लैक्टोज़ को लैक्टिक एसिड में बदल देते हैं, जिससे दूध जमकर खट्टा और गाढ़ा हो जाता है।
- फर्मेंटेशन की प्रक्रिया:
- Lactobacillus बैक्टीरिया लैक्टोज़ को लैक्टिक एसिड में बदलते हैं।
- इससे दूध फटता नहीं, बल्कि जमता है और खट्टा स्वाद आता है।
- प्रोबायोटिक गुण:
- दही में पाए जाने वाले प्रोबायोटिक्स आंतों के लिए फायदेमंद होते हैं।
- ये पाचन तंत्र को सुधारते हैं और हानिकारक बैक्टीरिया से रक्षा करते हैं।
- पोषण मूल्य:
- दही में कैल्शियम, फॉस्फोरस, विटामिन B2, B12, प्रोटीन और राइबोफ्लेविन भरपूर होते हैं।
- यह हड्डियों और दांतों के लिए बेहतरीन है।
🌿 आयुर्वेद में दही (Curd)
- गुणधर्म:
- दही को गुरु (भारी), स्निग्ध (चिकना), और उष्ण (गर्म) माना गया है।
- यह बल, पोषण, और मेद (वसा) बढ़ाता है।
- दोषों पर प्रभाव:
दोष | प्रभाव |
वात | शमन करता है (गैस, जोड़ दर्द में लाभदायक) |
पित्त | बढ़ाता है, गर्मियों में सीमित मात्रा में लें |
कफ | बढ़ाता है, जुकाम/खांसी में परहेज |
- सही सेवन समय:
- दोपहर में दही खाना सर्वोत्तम है।
- रात में दही से बचना चाहिए क्योंकि यह कफ बढ़ाता है।
- मसालों के साथ दही या मट्ठा अधिक लाभदायक माना गया है।
👌 सही तरीका क्या है?
- दही को हमेशा ताजा और हल्का खट्टा खाएं।
- दोपहर के समय दही सबसे अच्छा पचता है।
- मसालों के साथ छाछ या रायता बनाकर खाएं।
- रात को या ठंडे मौसम में दही से बचें, या अदरक, काली मिर्च डालकर ही लें।
✅ किसे दही (Curd) खाना चाहिए?
व्यक्ति | कारण |
कमजोर पाचन वाले | प्रोबायोटिक बैक्टीरिया पाचन सुधारते हैं |
हड्डियों की कमजोरी वाले | कैल्शियम और प्रोटीन से भरपूर |
वात प्रकृति वाले | वात संतुलित करता है |
गर्म जलवायु में रहने वाले | शरीर को ठंडक देता है (मसाले के साथ खाया जाए तो बेहतर) |
❌ किसे दही (Curd) नहीं खाना चाहिए?
स्थिति | कारण |
रात को सेवन | कफ बढ़ता है, सर्दी-जुकाम की संभावना |
कफ प्रकृति वाले | बलगम, भारीपन, एलर्जी बढ़ा सकता है |
त्वचा रोग वाले | खासकर फंगल इन्फेक्शन में हानिकारक |
सांस की बीमारियों में | दमा, ब्रोंकाइटिस में स्थिति बिगड़ सकती है |
बहुत खट्टा या बासी दही | अपच, अम्लपित्त पैदा कर सकता है |
🧾 दोष आधारित दही (Curd) सेवन चार्ट
दोष प्रकार | दही खाना चाहिए? | कैसे खाएं? | टालने की स्थिति | अनुशंसित विकल्प |
वात दोष | ✅ हाँ | मसालों के साथ | बहुत कमजोर पाचन हो | मसालेदार छाछ, दही-चावल |
पित्त दोष | ⚠️ सीमित मात्रा में | ठंडा लेकिन ताजा, | बहुत गर्मी या जलन में | ठंडी छाछ, नारियल पानी |
कफ दोष | ❌ नहीं | बहुत कम मात्रा में, दोपहर में | सर्दी-जुकाम, एलर्जी | छाछ, अदरक वाली चाय |
👌 दही (Curd) के अच्छे और खराब संयोजन
✅ लाभकारी संयोजन:
सामग्री | लाभ |
काली मिर्च | ठंडक संतुलन, पाचन सुधार |
भुना जीरा | गैस कम करता है |
सेंधा नमक | दही को हल्का करता है |
मिश्री/शहद | पित्त शांत करता है |
गुड़ | सर्दियों में ऊर्जा देता है |
❌ हानिकारक संयोजन:
सामग्री | हानि |
मछली | विषविरुद्ध – त्वचा रोग |
प्याज | प्रकृति विरोधी – पाचन गड़बड़ी |
नींबू | एसिडिटी, अतिसार |
फल | गैस, एलर्जी |
गर्म भोजन | पोषक तत्व नष्ट |
🥣 Gut Health के लिए दही (Curd) क्यों फायदेमंद है?
✅ दही के 5 प्रमुख फायदे:
- प्रोबायोटिक का स्रोत – अच्छे बैक्टीरिया से gut संतुलित होता है।
- पाचन में सहायक – खाद्य पदार्थों को तोड़ने में मदद।
- इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है – 70% इम्यूनिटी आंतों से जुड़ी है।
- इंफ्लेमेशन कम करता है – लीकी गट जैसी समस्याएं रोकता है।
- कब्ज से राहत – मल त्याग में सहूलियत।
📋 Gut Health के लिए सेवन तरीका:
सुझाव | विवरण |
दोपहर में | सबसे अच्छा समय |
खाली पेट नहीं | थोड़े भोजन के साथ |
मसालों के साथ | पाचन बेहतर |
छाछ | सबसे हल्का रूप |
नियमितता | 100–150 ग्राम रोज़ाना |
❌ कब नहीं लेना चाहिए:
- रात को या ठंड में
- बासी या खट्टा दही
- फलों और चीनी के साथ
🔢 100 ग्राम दही (Curd) में पोषण तत्व
पोषक तत्व | मात्रा | लाभ |
ऊर्जा | 61 कैलोरी | हल्का ऊर्जा स्रोत |
प्रोटीन | 3.5 ग्राम | मांसपेशी निर्माण |
वसा | 3.3 ग्राम | आवश्यक फैटी एसिड |
कार्बोहाइड्रेट | 4.7 ग्राम | ऊर्जा स्रोत |
कैल्शियम | 120 mg | हड्डी, दांत मजबूत |
विटामिन B12 | 0.75 µg | नसों के लिए लाभदायक |
विटामिन B2 | 0.14 mg | त्वचा, ऊर्जा उत्पादन |
फॉस्फोरस | 95 mg | हड्डी संरचना में सहायक |
मैग्नीशियम | 11 mg | मांसपेशियों की क्रिया |
पोटैशियम | 155 mg | ब्लड प्रेशर नियंत्रण |
प्रोबायोटिक बैक्टीरिया | लाखों जीवाणु | पाचन सुधार |
नोट: यह चार्ट सामान्य गाय के दूध से बने साधारण दही पर आधारित है।
🥛 किस दूध से बना दही (Curd) बेहतर?
दूध का प्रकार | विशेषताएँ | दही के लिए उपयुक्तता |
गाय का दूध | हल्का, कम फैट | ✅ सर्वोत्तम |
भैंस का दूध | गाढ़ा, फैट ज़्यादा | ⚠️ थोड़ा भारी |
बकरी का दूध | लैक्टोज कम, सुपाच्य | ✅ अच्छा विकल्प |
देशी गाय (A2) का दूध | A2 प्रोटीन, एलर्जी कम | 🌟 श्रेष्ठ |
स्किम्ड दूध | फैट कम, स्वाद हल्का | ❌ स्वाद कम |
सोया/बादाम दूध | प्लांट-बेस्ड | ⚠️ प्रोबायोटिक्स कम |
दही एक पूर्ण आहार है, लेकिन इसकी प्रकृति और प्रभाव को समझकर ही इसका सेवन करना चाहिए। चाहे आयुर्वेद हो या आधुनिक विज्ञान, सही समय, मात्रा और संयोजन के साथ लिया गया दही आपकी सेहत को कई गुना बेहतर बना सकता है।
डिस्क्लेमर: आलेख में दी गई जानकारी मात्र सूचनात्मक है।
यह भी पढ़ें:
https://www.thedailynewspost.com/spirulina-benefits-for-health/
https://youtu.be/cB6rQqO5WhU?si=ScMBy01N6WK0F_Dw