Biden रिटायर्ड हर्ट, भारतवंशी कमला हैरिस मैदान में। क्या ट्रंप को दे पाएंगी टक्कर?, खुद को साबित करने के लिए केवल 106 दिन का ही समय।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन अगले कार्यकाल के लिए डेमोक्रेटिक उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान से रिटायर्ड हर्ट होकर बीच में ही हट गए हैं और उन्होंने इस दौड़ के लिए अपने से 22 वर्ष छोटी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का नाम आगे बढ़ाया है।
Biden से कमला को कम वक्त मिला
अब जबकि आम चुनाव के लिए 106 दिन ही बचे हैं, ऐसे में अगर भारतवंशी कमला हैरिस अगस्त में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार चुनी जाती हैं तो सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या वह रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को कड़ी टक्कर दे पाएंगी।
बढ़ती उम्र, गिरती सेहत और घटती लोकप्रियता के कारण 81 वर्षीय बाइडेन के चुनावी मैदान से हटने की संभावनाएं जून से ही बनने लगी थीं, जब वह प्रेसिडेंशियल डिबेट हार गए थे। तब से ही पार्टी का उन पर पीछे हटने का दबाव था।
1968 के बाद अमेरिका में यह पहला मौका है, जब किसी राष्ट्रपति ने दोबारा चुनाव नहीं लड़ने का एलान चुनाव अभियान के बीच किया हो।
इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति लिंडन बी. जॉनसन ने 1968 में दोबारा चुनाव नहीं लड़ने के निर्णय की घोषणा आम चुनाव से ठीक सात महीने पहले की थी, जबकि बाइडेन ने उनसे अधिक समय लिया और केवल 106 दिन या 15 सप्ताह पहले ही चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया है।
कमला का नाम आगे बढ़ाया
इसी के साथ उन्होंने अपने उत्तराधिकारी के रूप में अपनी पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने के लिए पहली महिला, पहली भारतवंशी और पहली अश्वेत उपराष्ट्रपति 59 वर्षीय कमला हैरिस का नाम आगे बढ़ाया है।
फीमेल ओबामा के रूप में कमला अमेरिका में मशहूर हैं। हालांकि वह यह नाम दिए जाने से इत्तेफाक नहीं रखती हैं।
राष्ट्रपति बाइडेन का समर्थन मिलने पर अभिभूत होते हुए कमला हैरिस ने कहा- ‘मैं सम्मानित महसूस कर रही हूं और मेरा इरादा इस नामांकन को अर्जित करना और जीतना है।‘
लेकिन देखना होगा कि ‘फीमेल ओबामा’ को पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा व पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं का समर्थन मिलता है या नहीं क्योंकि ओबामा ने खुलकर अभी कमला हैरिस का समर्थन नहीं किया है।
जबकि कमला हैरिस 2008 में राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए बराक ओबामा के समर्थन में खड़ी थीं और वह ओबामा की करीबी भी मानी जाती हैं।
कमला हैरिस के नाम कई रिकॉर्ड हैं
कमला हैरिस ने सार्वजनिक जीवन में दो दशकों का बेहतर समय बिताया है। इस अवधि में उनके नाम कई रिकॉर्ड हैं- वह कैलिफोर्निया के इतिहास में जिला अटॉर्नी चुनी जाने वाली पहली अश्वेत महिला थीं।
कैलिफोर्निया की अटॉर्नी जनरल बनने वाली पहली महिला थीं। पहली भारतीय अमेरिकी सीनेटर थीं और अब पहली अश्वेत महिला और पहली एशियाई अमेरिकी उपराष्ट्रपति हैं। इन उपलब्धियों पर कमला हैरिस अपनी मां के आदर्श वाक्य का उल्लेख करते हुए कहती हैं: “आप पहले हो सकते हैं, लेकिन सुनिश्चित करें कि आप आखिरी नहीं हैं।”
मां की यह बात करती है प्रेरित
भारतीय मां श्यामला गोपालन और जमैका मूल के पिता डोनाल्ड जे हैरिस की बेटी कमला हैरिस का जन्म 20 अक्टूबर, 1964 में हुआ था। सात वर्ष की उम्र में माता-पिता का तलाक हो गया।
मां ने उन्हें और उनकी छोटी बहन को पढ़ाया-लिखाया और काबिल बनाया। कनाडा में शुरूआती शिक्षा के बाद वह बर्कले, कैलिफ़ोर्निया में पली-बढ़ीं। कमला हैरिस बचपन से ही समय-समय पर भारत आती रही हैं।
उन्हें भारतीय संस्कृति पसंद है। उनकी मां ने उन्हें बचपन में ही सिखाया था, ‘बैठकर शिकायत मत करो, कुछ करो।‘
यही बात कमला को हर वक्त प्रेरित करती है और यही कारण है कि आज कमला दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी हासिल करने की रेस में अपने प्रतिद्वंद्वियों से आगे चल रही हैं।
उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में अपनी दावेदारी को और पक्का कर लिया है। विभिन्न मुद्दों पर वह रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंंप से आगे चल रही हैं।
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