Gudmar : शरीर में शुगर को मारे गुड़मार। डायबिटीज से दिलाता है आजादी, शुगर कंट्रोल में बेहद कारगर। गुड़मार के सेवन के बाद शरीर में शुगर की मात्रा तेजी से नियंत्रित होती है। गुड़मार मधुमेह का रामबाण इलाज है। इसके पौधे का अंग्रेजी नाम जिमनेमा सिल्वेस्ट्रे (Gymnema sylvestre) है।
भारतीय आयुर्वेद में तमाम औषधियां हैं, जिनसे मधुमेह या डायबिटीज अथवा शुगर से मुक्ति दिला सकती हैं, जरूरत है, बस इनके उचित मात्रा में इस्तेमाल की और आयुर्वेद के चिकित्सकों द्वारा बताए परहेज की।
ऐसी ही एक औषधि का नाम है गुड़मार। इसके सेवन के बाद शरीर में शुगर की मात्रा तेजी से नियंत्रित होती है। गुड़मार मधुमेह का रामबाण इलाज है। इसके पौधे का अंग्रेजी नाम जिमनेमा सिल्वेस्ट्रे (Gymnema sylvestre) है।
शुगर दुनियाभर में नई महामारी का रूप ले रही है। भारत समेत पूरी दुनिया में इसके करोड़ों मरीज हैं। बढ़ती शुगर व्यक्ति के शरीर में ऐसे बदलाव लाती है, जिससे उसके तमाम अंग प्रभावित हो जाते हैं।
यह दिल, दिमाग समेत पूरे शरीर को कमजोर और यहां तक की गंभीर नुकसान पहुंचाती है।
शरीर में शुगर की मात्रा लगातार ज्यादा होने पर हृदय रोग, मस्तिष्क रोग, किडनी रोग और यहां तक की कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा रहता है। इसलिए शुगर का नियंत्रित रखना बेहद जरूरी है।
इसके लिए शारीरिक श्रम, खानपान में परहेज और दवाओं का नियमित सेवन बेहद आवश्यक है।
Diabetes : गुड़मार में है शुगर रोधी गुण
गुड़मार के पौधे में शुगर रोधी गुण हैं। यह कई शोधों में साबित हो चुका है। यहां तक कि विदेशी दवा कंपनियों ने भी इसे मधुमेह के उपचार में कारगर माना है।
गुड़मार एंटी डायबिटीज या शुगर रोधी गुणों के कारण तेजी से लोकप्रिय हो रही है। इससे बनी गोलियों के सेवन से या इसके पत्ते चबाने से पेट की आंतों में शुगर की मात्रा नियंत्रित रहती है।
एक अध्ययन में पाया गया कि मधुमेह के रोगियों को गुड़मार से बनी गोलियां के सेवन के बाद शुगर लेवल बड़ी तेजी से घटा।
यहां तक कि उनमें एलोपैथिक दवाओं के सेवन में भी कमी आई है। कुछ रोगियों ने तो एलोपैथिक दवाओं का सेवन भी बंद कर दिया।
मध्य प्रदेश में पाया जाता है गुड़मार का पौधा
गुड़मार का पौधा भारत में मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में पाया जाता है। इसके साथ ही यह ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका और चीन में भी मिलता है।
गुड़मार के पत्ते, तने और जड़ का आयुर्वेद, यूनानी दवाओं में भी इस्तेमाल होता है।
रोज सुबह खाली पेट गुड़मार की पत्तियों को चबाएं और उसके रस को पी जाएं। इससे शरीर में दिनभर शुगर का स्तर काबू में रहता है।
हाइपोग्लीसिमया से बचाता है गुड़मार
हाइपोग्लीसीमिया (Hypoglycemia) तब होता है जब मधुमेह के मरीज के खून में शुगर का लेवल तेजी से घट कर 70 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर से कम हो जाए। यह खतरनाक स्थिति है।
हाइपोग्लीसीमिया के कारण मरीज के शरीर में शकर की मात्रा घटने से उसे तेज भूख लगने लगती है, पसीना आता है, कंपकंपी, भ्रम और ध्यान नहीं देने पर बेहोशी की स्थिति पैदा हो सकती है।
कई बार मरीज कोमा में चला जाता है। इस स्थिति से बचाव के लिए मरीज को तुरंत मीठी चीज खाना बेहद जरूरी होता है।
गुड़मार की खास बात यह है कि यह डायबटीज के मरीज को हाइपोग्लीसीमिया से भी बचाता है।
शुगर के रोगियों की दो स्थिति होती है। एक हायपर ग्लीसीमिया और दूसरी हाइपोग्लीसीमिया।
हायपर ग्लीसीमिया में मरीज के शरीर में शुगर का स्तर तेजी से बढ़ता है। दोनों ही स्थिति मरीज के लिए खतरनाक हो सकती है।
डायबिटीज क्यों होती है
दरअसल, अनियमित जीवन शैली के कारण व्यक्ति की पेनक्रियाज यानी अग्नाशय द्वारा पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं किया जाता है और शरीर इंसुलिन का प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं कर पाता है।
बता दें, इंसुलिन एक हार्मोन है, जो खून में शकर की मात्रा को नियंत्रित करता है। इंसुलिन नहीं बनने से शकर सीधे रक्त में घुल जाती है और वह शरीर के लीवर, किडनी, दिल और मस्तिष्क समेत तमाम अंगों को नुकसान पहुंचाती है।
इसका एक सामान्य प्रभाव यह होता है कि व्यक्ति हाइपरग्लिसिमया या खून में शकर की मात्रा अत्यधिक बढ़ने से परेशान हो जाता है। जब शुगर शरीर में बेकाबू होती है तो शरीर की कई प्रणालियां शिथिल पड़ जाती हैं। ऐसी स्थिति में नसों और रक्त वाहिकाओं को गंभीर नुकसान पहुंचता है।
Read also :