Diabetes : टाइम बम बन रही डायबिटीज…छोटे से उपायों से पाएं मुक्ति, भारत में 7 करोड़ से ज्यादा लोग जूझ रहे डायबिटीज से।
नई दिल्ली, 24 जुलाई। भारत समेत दुनियाभर में टाइम बम बन रहे डायबिटीज को काबू कर सकते हैं। पूरी दुनिया में डायबिटीज या मधुमेह के रोगी तेजी से बढ़ रहे हैं। यह रोग एक महामारी का रूप ले चुका है। भारत में 7 करोड़ से ज्यादा लोग इससे पीड़ित हैं, वहीं 2.5 करोड़ से ज्यादा मधुमेह पूर्व की स्थिति में पहुंच चुके हैं। यानी भारत के कुल 10 करोड़ लोग इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं। लेकिन, इस बीमारी पर काबू पाना उतना ही आसान है, जितना इसकी चपेट में आना।
डायबिटीज को चिकित्सा वैज्ञाानिक लाइफ स्टाइल डिजीज मानते हैं, यानी इसकी शुरुआत अस्त व्यस्त दिनचर्या और बिगड़ी आचारचर्या से होती है।
मसलन मेहनत के काम नहीं करने, घंटों कुर्सियों पर बैठकर काम करने, ज्यादा आराम करने, नियमित रूप से कसरत नहीं करने, समय पर नाश्ता, भोजन नहीं करने, शरीर की आवश्यकता के अनुरूप खानपान नहीं करने, 7 से 8 घंटे की नींद नहीं लेने
Diabetes क्यों होती है
दरअसल, अनियमित जीवन शैली के कारण व्यक्ति की पेनक्रियाज यानी अग्नाशय द्वारा पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं किया जाता है और शरीर इंसुलिन का प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं कर पाता है।
बता दें, इंसुलिन एक हार्मोन है, जो खून में शकर की मात्रा को नियंत्रित करता है। इंसुलिन नहीं बनने से शकर सीधे रक्त में घुल जाती है और वह शरीर के लीवर, किडनी, दिल और मस्तिष्क समेत तमाम अंगों को नुकसान पहुंचाती है।
इसका एक सामान्य प्रभाव यह होता है कि व्यक्ति हाइपरग्लिसिमया या खून में शकर की मात्रा अत्यधिक बढ़ने से परेशान हो जाता है। जब शुगर शरीर में बेकाबू होती है तो शरीर की कई प्रणालियां शिथिल पड़ जाती हैं।
ऐसी स्थिति में नसों और रक्त वाहिकाओं को गंभीर नुकसान पहुंचता है।
Diabetes है, आधे मरीजों को पता ही नहीं चलता
भारत में 50% से अधिक लोग ऐसे होते हैं, जिन्हें लंबे समय तक यह पता नहीं चलता है कि वे मधुमेह की महामारी के शिकार हैं। इसलिए इसका समय रहते पकड़ में आना और उसका इलाज व परहेज महत्वपूर्ण है।
एक बार डायबिटीज हो जाए तो शकर और इससे बने पदार्थों और फलों व मिठाइयों समेत उन पदार्थों जिनमें शकर की मात्रा ज्यादा होती है, का सेवन पूरी तरह बंद कर देना चाहिए।
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Diabetes से ये हैं खतरे
यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो मधुमेह से पीड़ित वयस्कों को हार्ट और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा दो से तीन गुना तक बढ़ जाता है।
इसके साथ ही पैरों में रक्त प्रवाह में कमी के साथ, न्यूरोपैथी (तंत्रिका क्षति) पैरों में अल्सर, संक्रमण और अंततः पैर काटने की नौबत आ जाती है। इसका एक और बड़ा खतरा मधुमेह संबंधी रेटिनोपैथी या अंधापन भी है।
मधुमेह के कारण रेटिना में छोटी रक्त वाहिकाओं को क्षति पहुंचती है और धीरे धीरे रोगी को दिखाई देना बंद हो जाता है।
किडनी रोग की भी एक प्रमुख वजह मधुमेह ही है।
डायबिटीज रोगी ऐसे कर सकते हैं बचाव
नियमित जीवन शैली:
- आहार, व्यवहार, कसरत, उचित खानपान, पर्याप्त नींद, देर रात तक नहीं जागने, मोटे अनाज या श्रीअन्न ही भोजन में ग्रहण करने, दूध, घी, तेल व वसा युक्त तमाम खाद्य पदार्थों का न्यूनतम उपयोग करने, तनाव नहीं लेने, जैसी चीजों से रक्त शर्करा या डायबिटीज को काफी हद तक काबू किया जा सकता है।
दवाइयों के जरिए :
- मधुमेह विशेषज्ञ चिकित्सकों की राय से एलोपैथी या आयुर्वेदिक या होम्योपैथिक दवाएं नियमित रूप से लेने और फिर परहेज बढ़ाते हुए धीरे धीरे दवाएं करने से।
देसी दवाओं से:
- आयुर्वेद व भारतीय खानपान विशेषज्ञों का कहना है कि अपने रसोई घर की कई चीजों से भी डायबिटीज पर काबू पाया जा सकता है। जैसे सुबह खाली पेट रोज गले हुए मैथीदाना खाएं और उसका पानी पिएं।
- रात में सोने से पहले और सुबह फीकी चाय के साथ दालचीनी का पावडर मिलाकर काढ़ा पीने से।
- कालीमिर्च के साथ दालचीनी लेने समेत तमाम ऐसे उपाय है, जिन्हें योग्य आयुर्वेदाचार्य की सलाह से नियमित रूप से ग्रहण किया जा सकता है।
शुगर काबू में करने वाले एप से:
इन दिनों कई नामचीन कंपनियों ने शुगर रिवर्सल के एप लांच किए हैं। इनसे जुड़ कर मधुमेह रोगी शुगर कंट्रोल कर सकते हैं।
इन एप का सब्सक्रिप्शन लेकर उनके विशेषज्ञों की सलाहों व बताए जाने वाले उपायों के जरिए भी शुगर के मरीज तेजी से इस महामारी से मुक्ति पा रहे हैं।
ये एप सालभर मरीज को मार्गदर्शन, उपचार, व्यायाम व खानपान की सलाह आदि देते हैं, इससे शरीर में शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलती है। कई लोग इनके परामर्श का लाभ उठाकर शुगर की बीमारी से मुक्त हो रहे हैं।
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