केंद्र सरकार ने साइबर डिजिटल अरेस्ट (Digital arrest) जैसे साइबर अपराधों और ऑनलाइन ठगी से निपटने के लिए 1700 स्काइप आईडी, 59,000 व्हाट्सएप खातों को ब्लॉक किया। 6.69 लाख सिम और 1.32 लाख IMEI ब्लॉक कर ₹3431 करोड़ की राशि बचाई।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंडी संजय कुमार ने 10 दिसंबर को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर बताया कि डिजिटल अरेस्ट (Digital arrest) ठगी जैसे साइबर अपराधों से व्यापक और समन्वित तरीके से निपटने के तंत्र को मजबूत बनाने के लिए, केंद्र सरकार ने कई कदम उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि डिजिटल अरेस्ट (Digital arrest) के लिए प्रयुक्त 1700 से अधिक स्काइप आईडी (Skipe ID) और 59,000 व्हाट्सएप खातों की सक्रियता से पहचान कर उन्हें ब्लॉक किया गया है। 15 नवंबर, 2024 तक सरकार ने 6.69 लाख से अधिक सिम कार्ड और 1,32,000 IMEI ब्लॉक किए हैं। अब तक 9.94 लाख से अधिक शिकायतों पर कदम उठाते हुए ₹3431 करोड़ से अधिक की वित्तीय राशि साइबर ठगी से बचाई गई है।
Digital arrest और साइबर अपराधों पर सरकार की रणनीति
Digital arrest जैसे साइबर अपराधों के बढ़ते खतरे को देखते हुए, केंद्र सरकार ने विभिन्न तकनीकी और रणनीतिक उपायों को लागू किया है:
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साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C)
गृह मंत्रालय ने भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) की स्थापना की है, जो साइबर अपराध से निपटने के लिए एक समन्वित ढांचा प्रदान करता है। इसके माध्यम से 1700 से अधिक स्काइप आईडी और 59,000 व्हाट्सएप खातों की पहचान कर उन्हें ब्लॉक किया गया है।
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अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉल्स पर रोक
केंद्र और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं ने अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉल्स की पहचान और ब्लॉकिंग के लिए एक प्रभावी प्रणाली विकसित की है। ये कॉल्स आमतौर पर भारतीय मोबाइल नंबरों का उपयोग करके लोगों को धोखाधड़ी का शिकार बनाती हैं।
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सिम कार्ड और IMEI ब्लॉकिंग
सरकार ने 15 नवंबर 2024 तक 6.69 लाख से अधिक सिम कार्ड और 1,32,000 IMEI नंबर ब्लॉक किए हैं।
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राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल
I4C के तहत राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (https://cybercrime.gov.in) लॉन्च किया गया है, जहां नागरिक किसी भी साइबर अपराध की रिपोर्ट कर सकते हैं। यह पोर्टल विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों पर केंद्रित है।
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वित्तीय धोखाधड़ी रोकने की पहल
साइबर ठगी के शिकार लोगों को राहत देने के लिए नागरिक वित्तीय साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग और प्रबंधन प्रणाली शुरू की गई है। इससे अब तक ₹3431 करोड़ से अधिक की राशि बचाई गई है। सहायता के लिए एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 1930 भी उपलब्ध है।
जागरूकता अभियान
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व्यापक जागरूकता अभियान
सरकार ने डिजिटल अरेस्ट (Digital arrest) जैसे साइबर अपराधों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए समाचार पत्र, सोशल मीडिया, रेडियो, और मेट्रो में घोषणाओं जैसे माध्यमों का उपयोग किया है।
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विशेष आयोजनों का आयोजन
27 नवंबर 2024 को नई दिल्ली के कनॉट प्लेस में राहगीरी समारोह आयोजित कर डिजिटल सुरक्षा का संदेश दिया गया।
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सोशल मीडिया और डिजिटल प्रचार
I4C के सोशल मीडिया हैंडल (@CyberDost), फेसबुक (CyberDostI4C ), इंस्टाग्राम (CyberDostI4C), टेलीग्राम (CyberDostI4C) के माध्यम से नियमित रूप से साइबर सुरक्षा टिप्स साझा किए जा रहे हैं। इसके अलावा, रेडियो अभियान और रेलवे स्टेशनों पर डिजिटल डिस्प्ले का उपयोग किया गया है।
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साइबर सुरक्षा सप्ताह
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सहयोग से साइबर सुरक्षा जागरूकता सप्ताह आयोजित किए जा रहे हैं। किशोरों और छात्रों के लिए विशेष हैंडबुक तैयार की गई हैं।
साइबर अपराध रोकने में केंद्र और राज्यों की भूमिका
हालांकि गृह राज्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार, पुलिस और सार्वजनिक व्यवस्था राज्य का विषय हैं। फिर भी, केंद्र सरकार राज्यों को परामर्श और वित्तीय सहायता प्रदान करती है, जिससे उनकी कानून प्रवर्तन एजेंसियां साइबर अपराधों से प्रभावी रूप से निपट सकें।
निष्कर्ष
केंद्र सरकार ने डिजिटल अरेस्ट (Digital arrest) जैसे साइबर अपराधों और ऑनलाइन ठगी पर लगाम लगाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। जागरूकता फैलाने, तकनीकी अवसंरचना मजबूत करने और वित्तीय धोखाधड़ी पर रोक लगाने की ये पहलें डिजिटल युग में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मील का पत्थर साबित हो रही हैं।
यह भी पढ़ें:
https://www.thedailynewspost.com/cyber-crime-digital-arrest/
https://pib.gov.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=2082858®=3&lang=2