पिछले दो साल से जारी रूस Russia Ukraine War और यूक्रेन जंग के बीच एक बड़ी खबर आई है। यूक्रेन ने अपनी जमीन से होकर जा रही रूसी गैस की पाइप लाइन से यूरोप EU की गैस आपूर्ति Gas Supply रोक दी है। इस कारण पहले से ही वैश्विक ऊर्जा संकट Energy crisis से जूझ रहे यूरोपीय देशों EU के लिए एक गंभीर झटका है। यूक्रेन सरकार के अनुसार, यह कदम रूस की बढ़ती सैन्य कार्रवाई और अविश्वसनीय आक्रामकता के कारण उठाया गया है। इस फैसले से यूरोप के ऊर्जा आपूर्ति नेटवर्क में हलचल मच सकती है और यह वैश्विक ऊर्जा बाजारों पर भी गंभीर प्रभाव डाल सकता है।
12 देशों को गैस आपूर्ति करता है रूस
यूक्रेन ने अपनी सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए कहा कि अब यूक्रेनी क्षेत्र से रूसी गैस की सुरक्षित आपूर्ति की गारंटी नहीं दी जा सकती। बता दें, यूक्रेन प्राकृतिक गैस यूरोप तक पहुंचाने के लिए रूस का एक प्रमुख ट्रांजिट मार्ग रहा है, और अब इसकी रुकावट से पूर्वी और मध्य यूरोप में ऊर्जा संकट और भी गहरा सकता है। 50 यूरोपीय देशों में से रूस 12 को यूक्रेन के रास्ते गैस आपूर्ति करता है। इन 12 देशों को रूसी गैस नहीं मिलने के कारण वहां ऊर्जा संकट गहरा सकता है।
रूस पर ऊर्जा निर्भरता
यूक्रेन, पहले रूस से आने वाली गैस के लिए यूरोप का प्रमुख मार्ग था। रूस की गैस यूरोप की ऊर्जा खपत का लगभग 30% हिस्सा बनाती थी। हालांकि, रूस द्वारा क्रीमिया पर कब्जा करने और यूक्रेन के पूर्वी क्षेत्रों में संघर्ष के बाद यूरोप ने ऊर्जा आपूर्ति के विकल्पों की तलाश शुरू कर दी थी। अब, यूक्रेन द्वारा गैस ट्रांजिट को रोकने Ukraine Banned Russian gas supply to Europe का निर्णय इस गंभीर संकट के और गहरा होने का संकेत है।
पाइप लाइनों की सुरक्षा मुश्किल : यूक्रेन
यूक्रेन के ऊर्जा मंत्री हरमन हालिशचेंको ने बताया कि गैस ट्रांजिट को रोकने का कदम इसलिए उठाया गया, क्योंकि रूस की सैन्य गतिविधियां बढ़ गई हैं और यूक्रेनी क्षेत्र में गैस पाइपलाइनों की सुरक्षा सुनिश्चित करना अब संभव नहीं है। यूक्रेन के इंफ्रास्ट्रक्चर मंत्री, ओलेक्सांद्र क्यूब्राकोव ने कहा, “हमारे बुनियादी ढांचे की सुरक्षा सर्वोपरि है। मौजूदा परिस्थितियों में रूसी गैस की बिना किसी रुकावट के हमारे देश से गुजरने की अनुमति देना संभव नहीं है।
इसके अलावा, रूस द्वारा यूरोपीय देशों पर ऊर्जा दबाव डालने के प्रयासों को ध्यान में रखते हुए, यह कदम और भी महत्वपूर्ण हो गया है। 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद, रूस ने गैस की आपूर्ति को कम कर दिया था, जिससे यूरोप में गैस की कीमतों में वृद्धि हुई और अन्य ऊर्जा स्रोतों की तलाश शुरू हो गई।
यूरोप पर तत्काल प्रभाव
यूक्रेन द्वारा गैस ट्रांजिट रोकने के बाद यूरोप के कई देशों, खासकर जर्मनी, पोलैंड, और हंगरी को गैस की आपूर्ति में कठिनाइयां आने की संभावना है। ये देश अब भी रूस से आने वाली पाइपलाइन गैस पर निर्भर हैं, हालांकि, यूरोप ने वैकल्पिक आपूर्ति मार्गों की खोज शुरू कर दी थी।
यूरोपीय संघ ने बुलाई बैठक
यूरोपीय संघ के नेताओं ने इस स्थिति पर तत्काल बैठक बुलाई हैं, और ऊर्जा विशेषज्ञों का कहना है कि यह संकट यूरोपीय देशों के लिए उच्च कीमतों, महंगाई और संभवतः ऊर्जा की कमी का कारण बन सकता है। यूरोपीय संघ के एक अधिकारी ने कहा कि यह ऊर्जा संकट का एक नया और गंभीर अध्याय है। यूरोप की एकता की अब पहले से कहीं अधिक गंभीर परीक्षा है।
हमारे खून पर रूस को कमाने नहीं देंगे : जेलेंस्की
पिछले महीने ब्रुसेल्स में एक सम्मेलन में यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की ने कहा था कि कीव कभी भी मॉस्को को हमारे खून पर, हमारे नागरिकों के जीवन पर अरबों डॉलर कमाने नहीं देगा और कमाने के लिए यूक्रेन के ट्रांजिट का उपयोग भी नहीं करने देगा।
रूस कर रहा विकल्पों पर विचार
रूस ने अभी तक यूक्रेन के इस फैसले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन रूस की प्रमुख ऊर्जा कंपनी गैजप्रोम ने यूक्रेन पर यूरोपीय ऊर्जा सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है। इसके पहले भी रूस ऊर्जा आपूर्ति में रुकावटों का दोष पश्चिमी प्रतिबंधों और यूक्रेनी आंतरिक संघर्षों पर डालता रहा है। उधर, मॉस्को हंगरी और गैर यूरोपीय संघ देश तुर्की और सर्बिया तथा ब्लैक सी के माध्यम से गैस आपूर्ति जारी रखने के विकल्प पर विचार कर रहा है। बता दें, नेचुरल गैस का इस्तेमाल बिजली बनाने, औद्योगिक उपयोग और घरों को गरम रखने के लिए किया जाता है।