
Farmer ID किसानों के लिए एक डिजिटल पहचान है जो खेती से जुड़ी सभी जानकारियों को एक ही स्थान पर संग्रहित करती है। इससे किसान आसानी से किसान सम्मान निधि, फसल बीमा, बैंक लोन और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
डिजिटल कृषि मिशन के तहत शुरू की गई इस पहल का उद्देश्य किसानों को आत्मनिर्भर और तकनीकी रूप से सशक्त बनाना है। अब तक 5.5 करोड़ से अधिक किसानों ने अपनी Farmer ID बनवाई है। हर किसान के लिए यह पहचान जरूरी है ताकि सरकारी लाभ पारदर्शिता और सरलता से मिल सके।
भारत में कृषि क्षेत्र को आधुनिक और सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 14 अप्रैल को मध्य प्रदेश के विदिशा में डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन के अंतर्गत अपनी Farmer ID बनवाई। यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू की गई डिजिटल कृषि मिशन का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य है—किसानों को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर और तकनीकी रूप से सशक्त बनाना।
क्या है Farmer ID ?
Farmer ID किसानों की एक डिजिटल पहचान है, जिसमें उनके खेती से जुड़ी हर जानकारी एक ही जगह उपलब्ध होगी। इसमें भूमि का रकबा, बोई गई फसल, परिवार के सदस्य, मिट्टी का स्वास्थ्य, सॉइल हेल्थ कार्ड की जानकारी, पशुधन या अन्य संपत्ति, सभी का रिकॉर्ड होगा। यह एक तरह से किसान की डिजिटल प्रोफाइल है, जिससे उसकी खेती संबंधी सभी जानकारियाँ किसी भी योजना, लाभ, या सहायता के लिए एक क्लिक पर उपलब्ध होंगी।
Farmer ID के लाभ
श्री चौहान ने बताया कि अभी तक किसानों को अलग-अलग योजनाओं के लिए कई कागजात तैयार करने पड़ते थे। मसलन,
- फसल नुकसान की भरपाई के लिए विवरण जमा करना, बैंक लोन के लिए दस्तावेज़ बनवाना और विभिन्न दफ्तरों के चक्कर लगाना पड़ता था। अब ये सब Farmer ID के माध्यम से बेहद आसान हो जाएगा।
- किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं का पैसा सीधे खाते में पहुंचेगा।
- बैंक लोन लेने के लिए सिर्फ Farmer ID दिखाना होगा—सारी जानकारी बैंक के सामने होगी और प्रक्रिया आसान हो जाएगी।
- फसल बीमा और अन्य योजनाओं का लाभ तुरंत मिलेगा और वह भी सही व्यक्ति तक पहुंचेगा।
- जमीन की मालिकाना हक संबंधी धोखाधड़ी रुकेगी, क्योंकि सारी जानकारी डिजिटल होगी और गोपनीय रखी जाएगी।
क्यों जरूरी है फार्मर ID बनवाना?
श्री चौहान ने इस कार्यक्रम में किसानों से अपील की कि वे अपनी Farmer ID जल्द से जल्द बनवाएं। यह न सिर्फ सरकारी योजनाओं का लाभ पाने में सहायक है, बल्कि इससे किसानों की पारदर्शिता और अधिकारों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होती है।
उन्होंने कहा कि पहले कई बार ऐसा होता था कि किसी और की जमीन किसी और के नाम हो जाती थी, लेकिन अब Farmer ID में दर्ज जानकारी को बिना किसान की अनुमति के कोई साझा नहीं कर सकता। यह प्रणाली गोपनीयता और सुरक्षा दोनों सुनिश्चित करती है।
अब तक कितने किसानों की बनी है ID?
अब तक देशभर में 5.5 करोड़ से अधिक किसानों की ID बनाई जा चुकी है, जिसमें मध्य प्रदेश के 78 लाख किसान भी शामिल हैं। यह आंकड़ा दिखाता है कि किसान तेजी से इस नई प्रणाली को अपना रहे हैं और सरकार की इस पहल का लाभ ले रहे हैं।
डिजिटल इंडिया के इस दौर में Farmer ID किसानों के लिए एक गेमचेंजर साबित हो सकती है। यह न सिर्फ सरकारी योजनाओं को सरल बनाएगी, बल्कि किसानों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर है।
किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं का लाभ तुरंत और पारदर्शी तरीके से मिले, इसके लिए अब समय आ गया है कि हर किसान अपनी डिजिटल पहचान बनाए—Farmer ID बनवाए।
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