Forest Cover: पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2023 का विमोचन किया। रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2021 की तुलना में यानी दो साल में देश में हरियाली का दायरा 1,445 वर्ग कि.मी. बढ़ा है। इस अवधि में राज्यों के मामले में वन (Forest Cover) व वृक्ष क्षेत्र में सर्वाधिक वृदि्ध छत्तीसगढ़ में दर्ज की गई। छत्तीसगढ़ में 684 वर्ग किलोमीटर इलाके में हरियाली बढ़ी।
भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2023 के अनुसार, देश के कुल वन (Forest Cover) और वृक्ष आवरण में 2021 की तुलना में 1445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है। छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और ओडिशा ने वन क्षेत्र में अधिकतम वृद्धि दर्ज की। रिपोर्ट में वनावरण, वृक्ष आवरण, बांस क्षेत्र, कार्बन स्टॉक और वनाग्नि जैसे पहलुओं का विस्तृत विश्लेषण किया गया है।
भारत का वनावरण (Forest Cover) अब 21.76% और वृक्ष आवरण 3.41% है। यह रिपोर्ट भारत के सतत विकास और जलवायु लक्ष्यों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। देश का कुल कार्बन स्टॉक 7,285.5 मिलियन टन तक पहुंच गया है।
भूपेंद्र यादव ने देहरादून स्थित वन अनुसंधान संस्थान में भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2023 का विमोचन किया। यह रिपोर्ट भारतीय वन सर्वेक्षण (एफएसआई) द्वारा 1987 से द्विवार्षिक रूप से प्रकाशित की जाती है और भारत के वन एवं वृक्ष संसाधनों का गहन आकलन प्रदान करती है। इस वर्ष की रिपोर्ट श्रृंखला की 18वीं रिपोर्ट है।
Forest Cover: देश में कुल वृद्धि
2021 की तुलना में 1,445 वर्ग कि.मी. की कुल वृद्धि दर्ज की गई, जिसमें:
- वनावरण में 156 वर्ग कि.मी. की वृद्धि।
- वृक्ष आवरण में 1,289 वर्ग कि.मी. की वृद्धि।
वर्तमान आकलन के अनुसार, देश में कुल वन (Forest Cover) और वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग कि.मी. है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17 प्रतिशत है। वनावरण (Forest Cover) का क्षेत्रफल लगभग 7,15,343 वर्ग कि.मी. (21.76 प्रतिशत) है, जबकि वृक्ष आवरण का क्षेत्रफल 1,12,014 वर्ग कि.मी. (3.41 प्रतिशत) है। इस प्रकार देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% इलाका वन और वृक्षों से पटा हुआ है।
राज्यवार प्रदर्शन
अधिकतम वृद्धि वाले राज्य (कुल वन और वृक्ष आवरण)
- छत्तीसगढ़: 684 वर्ग कि.मी.
- उत्तर प्रदेश: 559 वर्ग कि.मी.
- ओडिशा: 559 वर्ग कि.मी.
- राजस्थान: 394 वर्ग कि.मी.
वनावरण (Forest Cover) में वृद्धि
- मिजोरम: 242 वर्ग कि.मी.
- गुजरात: 180 वर्ग कि.मी.
- ओडिशा: 152 वर्ग कि.मी.
अधिकतम कुल वन एवं वृक्ष आवरण वाले राज्य
- मध्य प्रदेश: 85,724 वर्ग कि.मी.
- अरुणाचल प्रदेश: 67,083 वर्ग कि.मी.
- महाराष्ट्र: 65,383 वर्ग कि.मी.
भौगोलिक क्षेत्र की तुलना में सर्वाधिक वनावरण प्रतिशत
- लक्षद्वीप: 91.33%
- मिजोरम: 85.34%
- अंडमान और निकोबार द्वीप समूह: 81.62%
बांस और कच्छ वनस्पति क्षेत्र में प्रगति
- बांस क्षेत्र का विस्तार: 1,54,670 वर्ग कि.मी. (5,227 वर्ग कि.मी. की वृद्धि)।
- कच्छ वनस्पति आवरण: 4,992 वर्ग कि.मी.।
कार्बन स्टॉक और पर्यावरणीय प्रभाव
- वन कार्बन स्टॉक: 7,285.5 मिलियन टन (81.5 मिलियन टन की वृद्धि)।
- यह वृद्धि भारत को अपने एनडीसी (राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान) लक्ष्यों के करीब ले जाती है, जो 2030 तक 2.5-3.0 बिलियन टन CO₂ समतुल्य कार्बन सिंक तक पहुंचने का लक्ष्य रखता है।
- भारत पहले ही 2.29 बिलियन टन अतिरिक्त कार्बन सिंक हासिल कर चुका है।
मुख्य उपलब्धियां
- छत्तीसगढ़ ने सबसे अधिक वृद्धि दर्ज कर अपनी हरित पहल को मजबूत किया।
- मिजोरम ने वनावरण (Forest Cover) में सबसे बड़ी वृद्धि दर्ज की, जो पूर्वोत्तर भारत के वन संरक्षण प्रयासों को उजागर करता है।
- उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में वृक्ष आवरण में वृद्धि, कृषि वानिकी और वृक्षारोपण अभियान की सफलता को दर्शाती है।
- लक्षद्वीप, मिजोरम, और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में उच्चतम वनावरण प्रतिशत से स्पष्ट है कि छोटे भूभाग वाले क्षेत्र भी पर्यावरण संरक्षण में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
उपयोगिता और महत्व
रिपोर्ट नीति निर्माताओं, योजनाकारों, और शोधकर्ताओं के लिए एक उपयोगी संसाधन है। यह आंकड़े न केवल वन प्रबंधन को सुदृढ़ करते हैं, बल्कि जलवायु परिवर्तन के प्रति भारत की रणनीति और सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में ठोस कदमों को भी प्रोत्साहित करते हैं।
निष्कर्ष:
भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2023 ने यह साबित किया है कि हरित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में सामूहिक प्रयास और उन्नत तकनीकी योगदान महत्वपूर्ण हैं। इस रिपोर्ट के आंकड़े पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने और भविष्य की योजनाओं को दिशा देने में सहायक साबित होंगे।
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