
वित्त वर्ष 2026 में भारत की जीडीपी वृद्धि (IndianEconomy) 6.3 प्रतिशत से 6.8 प्रतिशत तक रहने का अनुमान लगाया गया है। शुक्रवार को संसद में आर्थिक सर्वे के अनुसार वित्त वर्ष 2025 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि (IndianEconomy) 6.4 प्रतिशत रहने की संभावना है, जो पिछले दशक के औसत के करीब है। इसी तरह, सकल मूल्य वर्धन (GVA) में भी 6.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
IndianEconomy: पूंजीगत व्यय और महंगाई दर
कैपेक्स (पूंजीगत व्यय) जुलाई से नवंबर 2024 के दौरान 8.2 प्रतिशत बढ़ा है और इसमें आगे और भी वृद्धि की उम्मीद जताई गई है। दिसंबर 2024 में खुदरा महंगाई घटकर 4.9 प्रतिशत हो गई, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिली। अगले वित्त वर्ष में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई 4 प्रतिशत के लक्ष्य के करीब रहने की संभावना है।
निर्यात और विदेशी निवेश
दिसंबर 2024 तक भारत के समग्र निर्यात में 6 प्रतिशत (वर्ष-दर-वर्ष) की वृद्धि हुई। अप्रैल-नवंबर 2025 के दौरान सेवा निर्यात 12.8 प्रतिशत बढ़ा, जो वित्त वर्ष 2024 के 5.7 प्रतिशत की तुलना में काफी अधिक है।
सकल एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) प्रवाह 47.2 बिलियन डॉलर से बढ़कर 55.6 बिलियन डॉलर हो गया, जो 17.9 प्रतिशत की सालाना वृद्धि दर्शाता है। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 640.3 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जो 10.9 महीनों के आयात और 90 प्रतिशत विदेशी ऋण को कवर करने के लिए पर्याप्त है।
पूंजीगत व्यय – जुलाई-नवंबर 2024 में 8.2% वृद्धि।
महंगाई दर – दिसंबर 2024 में खुदरा महंगाई 4.9% तक घटी, अगले वर्ष 4% के करीब रहने की संभावना।
निर्यात और विदेशी निवेश – समग्र निर्यात में 6% और सेवा निर्यात में 12.8% की वृद्धि।
विदेशी मुद्रा भंडार – 640.3 बिलियन डॉलर, जो 10.9 महीनों के आयात के लिए पर्याप्त।
ऊर्जा क्षेत्र – सौर और पवन ऊर्जा उत्पादन में 15.8% की वृद्धि।
स्टॉक मार्केट – बीएसई पूंजीकरण-से-जीडीपी अनुपात 136%, चीन और ब्राजील से अधिक।
एमएसएमई और कृषि – 50,000 करोड़ रुपये का आत्मनिर्भर भारत कोष, कृषि क्षेत्र में 3.8% वृद्धि।
औद्योगिक और सेवा क्षेत्र – औद्योगिक क्षेत्र में 6.2% और सेवा क्षेत्र में 7.2% वृद्धि।
बेरोजगारी दर – 2017-18 में 6% से घटकर 2023-24 में 3.2%।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रभाव – सरकार, निजी क्षेत्र और शिक्षा जगत के बीच तालमेल आवश्यक।
वैश्विक अर्थव्यवस्था – 2023 में 3.3% वृद्धि, अगले 5 वर्षों में 3.2% रहने की संभावना।
उपभोक्ता व्यय – 7.3% वृद्धि, औद्योगिक और सेवा क्षेत्र में तेजी।
वित्तीय प्रदर्शन – कुल कर राजस्व में 10.7% वृद्धि, बैंकिंग क्षेत्र में NPA 12 वर्षों में सबसे कम (2.6%)।
बुनियादी ढांचे में निवेश – 2,031 किमी रेलवे विस्तार, वंदे भारत ट्रेन के 17 नए सेट जोड़े गए।
समाप्ति निष्कर्ष – भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है और 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर है।
ऊर्जा, स्टॉक मार्केट और अवसंरचना
दिसंबर 2024 में सौर और पवन ऊर्जा उत्पादन में 15.8 प्रतिशत की सालाना वृद्धि दर्ज की गई। बीएसई स्टॉक मार्केट पूंजीकरण और जीडीपी अनुपात 136 प्रतिशत रहा, जो चीन (65 प्रतिशत) और ब्राजील (37 प्रतिशत) से काफी अधिक है। भारत (IndianEconomy) को उच्च विकास दर बनाए रखने के लिए अगले दो दशकों तक निरंतर बुनियादी ढांचे में निवेश करने की जरूरत होगी।
एमएसएमई और कृषि क्षेत्र
एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों) को इक्विटी वित्तपोषण प्रदान करने के लिए 50,000 करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत कोष की स्थापना की गई है। वित्त वर्ष 2025 में कृषि क्षेत्र में 3.8 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है।
खरीफ फसलों का उत्पादन 1,647.05 लाख मीट्रिक टन रहने की संभावना है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 89.37 लाख मीट्रिक टन अधिक है। बागवानी, पशुपालन और मत्स्य पालन कृषि क्षेत्र की वृद्धि में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं।
औद्योगिक और सेवा क्षेत्र
IndianEconomy में औद्योगिक क्षेत्र में 6.2 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है। वित्त वर्ष 2021 से 2025 के बीच सामाजिक सेवा व्यय में 15 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई। सरकार के स्वास्थ्य बजट में 29 प्रतिशत से 48 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है, जबकि लोगों का निजी स्वास्थ्य खर्च 62.6 प्रतिशत से घटकर 39.4 प्रतिशत रह गया है।
बेरोजगारी दर और एआई का प्रभाव
बेरोजगारी दर वर्ष 2017-18 के 6 प्रतिशत से घटकर 2023-24 में 3.2 प्रतिशत रह गई। IndianEconomy और समाज पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के संभावित नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए सरकार, निजी क्षेत्र और शिक्षा जगत के बीच तालमेल आवश्यक है।
वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक समीक्षा 2024-25 प्रस्तुत करते हुए बताया कि 2023 में वैश्विक अर्थव्यवस्था 3.3 प्रतिशत की दर से बढ़ी। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने अगले पांच वर्षों में वैश्विक विकास दर 3.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। भारत की आर्थिक वृद्धि (IndianEconomy) वैश्विक अस्थिरता के बावजूद मजबूत बनी हुई है।
उपभोक्ता व्यय और आर्थिक स्थिरता
IndianEconomy में स्थिर मूल्यों पर निजी उपभोक्ता व्यय में 7.3 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है। सेवा क्षेत्र में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है, जबकि औद्योगिक क्षेत्र में 6.2 प्रतिशत की वृद्धि संभावित है। निर्माण गतिविधियों, विद्युत, गैस, जलापूर्ति और अन्य उपयोगिता सेवाओं में तेजी से औद्योगिक विस्तार को बढ़ावा मिला है।
वित्तीय प्रदर्शन और विदेशी मुद्रा भंडार
सरकार का कुल कर राजस्व (GTR) अप्रैल-नवंबर 2024 के दौरान 10.7 प्रतिशत बढ़ा, हालांकि केंद्र सरकार के प्राप्त कर राजस्व में कोई विशेष वृद्धि नहीं हुई। बैंकिंग क्षेत्र में सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (NPA) 12 वर्षों में सबसे कम, 2.6 प्रतिशत पर पहुंच गई हैं। अधिसूचित वाणिज्यिक बैंकों का पूंजी पर्याप्तता अनुपात (CRAR) सितंबर 2024 तक 16.7 प्रतिशत था, जो स्थिरता को दर्शाता है।
बुनियादी ढांचे में निवेश
अप्रैल-नवंबर 2024 के दौरान 2,031 किलोमीटर रेलवे नेटवर्क का विस्तार हुआ और वंदे भारत ट्रेन के 17 नए सेट भारतीय रेल में जोड़े गए। बंदरगाह क्षमता में वृद्धि से कंटेनरों के टर्नअराउंड समय में कमी आई है। वित्त वर्ष 2025 में, यह समय घटकर 30.4 घंटे रह गया, जबकि वित्त वर्ष 2024 में यह 48.1 घंटे था।
निष्कर्ष
आर्थिक समीक्षा 2024-25 से पता चलता है कि भारत की अर्थव्यवस्था (IndianEconomy) मजबूत और लचीली बनी हुई है। सरकार की नीतियों और सुधारों के कारण निरंतर IndianEconomy में वृद्धि जारी है। निवेश, निर्यात, औद्योगिक और सेवा क्षेत्रों में तेजी के साथ, भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
यह भी पढ़ें:
https://www.thedailynewspost.com/youthmentalhealth-economicsurvey/
https://pib.gov.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=2097912®=3&lang=2