indore-Manmad rail project : इंदौर-मनमाड परियोजना मंजूर, 4 वर्ष में होगी पूरी। 309 किमी लंबी होगी नई रेल लाइन, बड़वानी जिला जुड़ेगा रेलवे नेटवर्क से। परियोजना की कुल लागत 18,036 करोड़ रुपये है और यह 2028-29 तक पूरी हो जाएगी। निर्माण के दौरान परियोजना लगभग 102 लाख मानव-दिवसों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार भी पैदा करेगी।
नई दिल्ली, 2 सितंबर। केंद्रीय कैबिनेट ने बहुप्रतीक्षित इंदौर-मनमाड नई रेलवे परियोजना को मंजूरी दे दी है।
देश की व्यावसायिक राजधानी और मध्यप्रदेश की व्यावसायिक राजधानी इंदौर के बीच सबसे छोटा रेल सम्पर्क प्रदान करने के लिए यह परियोजना मंजूर की गई है। इस नई रेलवे लाइन की कुल लंबाई 309 किलोमीटर होगी।
परियोजना के पूर्ण हो जाने पर इंदौर और मुंबई के बीच रेलवे संपर्क की दूरी कम होगी। अभी इंदौर और मुंबई के बीच ट्रेन से सफर करने पर 800 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करना पड़ती है।
indore-manmad rail project : इंदौर से मुंबई की दूरी 250 किमी कम होगी
इंदौर-मनमाड परियोजना के पूर्ण होते ही यह दूरी 550 किलोमीटर से कुछ अधिक ही रह जाएगी। यानी करीब 250 किलोमीटर का सफर कम हो जाएगा।
इससे दोनों महानगरों के बीच माल और यात्री परिवहन अधिक तेजी से होने लगेगा और इससे विकास की रफ्तार तेज होगी।
indore-manmad rail project :बड़वानी जिला जुड़ेगा रेलवे नेटवर्क से
कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह परियोजना महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के उन जिलों को जोड़ेगी, जो अब तक रेल मार्ग से नहीं जुड़े थे।
इनमें महाराष्ट्र के 2 और मध्य प्रदेश के 4 जिले शामिल हैं। इनमें अभी तक रेलवे संपर्क से पूरी तरह वंचित बड़वानी जिला भी शामिल है।
4 वर्ष में पूरी होगी परियोजना
परियोजना की कुल लागत 18,036 करोड़ रुपये है और यह 2028-29 तक पूरी हो जाएगी।
सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने रेल मंत्रालय के तहत 18,036 करोड़ रुपये की कुल लागत की नई रेलवे लाइन परियोजना को मंजूरी दी।
यह होगा फायदा
इंदौर और मनमाड के बीच प्रस्तावित नई लाइन सीधा सम्पर्क प्रदान करेगी। गतिशीलता में सुधार करेगी, जिससे भारतीय रेलवे के लिए बेहतर दक्षता और सेवा विश्वसनीयता सुनिश्चित होगी।
30 नए स्टेशन बनाए जाएंगे
यह परियोजना 2 राज्यों, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के 6 जिलों को कवर करेगी। इससे भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 309 किलोमीटर की वृद्धि होगी।
30 लाख आबादी का सफर सुगम होगा
इस परियोजना के साथ 30 नए स्टेशन बनाए जाएंगे। इससे आकांक्षी जिले बड़वानी को बेहतर सम्पर्क मिलेगा। नई रेलवे लाइन परियोजना से लगभग 1,000 गांवों और लगभग 30 लाख आबादी को सम्पर्क मिलेगा।
पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा
इस परियोजना से देश के पश्चिमी/दक्षिण-पश्चिमी हिस्से को मध्य भारत से जोड़ने वाला छोटा रास्ता तैयार होगा। इससे मालवा-निमाड़ क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इससे श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर सहित उज्जैन, इंदौर क्षेत्र के विभिन्न पर्यटन/धार्मिक स्थलों पर पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी।
पीथमपुर सीधे मुंबई पोर्ट से जुड़ेगा
परियोजना से पीथमपुर ऑटो क्लस्टर (90 बड़ी इकाइयां और 700 छोटे और मध्यम उद्योग) को जेएनपीए के गेटवे पोर्ट और अन्य राज्य बंदरगाहों से सीधा सम्पर्क मिलेगा।
किसानों की आय बढ़ेगी
परियोजना मध्य प्रदेश के बाजरा उत्पादक जिलों और महाराष्ट्र के प्याज उत्पादक जिलों को भी सीधा सम्पर्क प्रदान करेगी। इससे देश के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों में इन उत्पादों को आसानी और जल्दी से पहुंचाया जा सकेगा और इसका फायदा क्षेत्र के किसानों को मिलेगा।इसके वितरण में सुविधा होगी।
26 एमटीपीए की अतिरिक्त ढुलाई होगी
कृषि उत्पादों, उर्वरक, कंटेनर, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट, पीओएल आदि जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए इंदौर-मनमाड रेल रूट वरदान साबित होगा। मार्ग है। क्षमता बढ़ जाने के परिणामस्वरूप लगभग 26 एमटीपीए (मिलियन टन प्रति वर्ष) की अतिरिक्त माल ढुलाई होगी।
पर्यावरण हितैषी परियोजना
रेलवे पर्यावरण अनुकूल और ऊर्जा कुशल परिवहन का साधन है। जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और देश की रसद लागत को कम करने, तेल आयात (18 करोड़ लीटर) को कम करने और कार्बनडाइक्साइड उत्सर्जन (138 करोड़ किलोग्राम) को कम करने में मदद करेगा। यह 5.5 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।
यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नए भारत की कल्पना के अनुरूप है, जो क्षेत्र में व्यापक विकास के माध्यम से लोगों को “आत्मनिर्भर” बनाएगी। इससे उनके लिए रोजगार/स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
यह परियोजना मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का नतीजा है, जो एकीकृत योजना के माध्यम से संभव हुआ है। लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध सम्पर्क प्रदान करेगा।
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