Jammu and Kashmir assembly election 2024 : जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस-नेकां गठबंधन को पाकिस्तान का समर्थन और इंजीनियर राशिद के विवादित बयान ने माहौल गरमा दिया है। जानिए अनुच्छेद 370 की बहाली और राजनीतिक घटनाक्रम पर विस्तृत विश्लेषण।
Jammu and Kashmir assembly election में कांग्रेस-नेकां (नेशनल कांफ्रेंस) गठबंधन के चुनावी एजेंडा को पाकिस्तान ने समर्थन देकर चुनावी प्रक्रिया को पेचीदा बना दिया है।
Jammu and Kashmir assembly election प्रक्रिया के बीच पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नया विवाद खड़ा कर दिया है, जो अनुच्छेद 370 की बहाली को लेकर पाकिस्तान के समर्थन का इशारा करता है।
दूसरी ओर, जेल से छूटे इंजीनियर अब्दुल राशिद और उनके वादों ने भी चुनाव को अलग मोड़ दे दिया है।
Jammu and Kashmir assembly election : पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान
Jammu and Kashmir assembly election के बीच पाकिस्तान ने एक बार फिर अपने राजनीतिक बयान के जरिए भारतीय राजनीति में हलचल मचा दी है।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने सार्वजनिक तौर पर कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के गठबंधन का समर्थन किया है।
आसिफ ने अपने बयान में कहा कि वे और उनका देश कांग्रेस और नेकां के उस वादे से सहमत हैं, जिसमें अनुच्छेद 370 को बहाल करने की बात कही गई है।
उनका यह बयान तब आया है, जब जम्मू कश्मीर के पहले चरण का चुनाव हो चुका है और 61% लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया है।
Jammu and Kashmir assembly election : अनुच्छेद 370 और पाकिस्तान
ख्वाजा आसिफ ने एक टीवी शो में कहा, “हम जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 की बहाली के समर्थन में हैं। कांग्रेस और नेकां इस मुद्दे पर सही रास्ते पर चल रही हैं।”
यह बयान पाकिस्तान के जम्मू कश्मीर में लगातार हस्तक्षेप की नीति को दर्शाता है, जो दशकों से भारत के साथ उसके संबंधों को प्रभावित करता रहा है।
प्रमुख बिंदु:
- पाकिस्तान ने कांग्रेस और नेकां गठबंधन का समर्थन किया।
- कांग्रेस ने अनुच्छेद 370 की बहाली का स्पष्ट रूप से घोषणा पत्र में उल्लेख नहीं किया।
- नेकां इस अनुच्छेद को पुनः बहाल करने का वादा कर रही है, जो कि केंद्र सरकार की सहमति के बिना संभव नहीं है।
- केंद्रीय गृह मंत्री ने कांग्रेस को घेरा
Jammu and Kashmir assembly election : कांग्रेस का सतर्क रवैया
हालांकि, कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में अनुच्छेद 370 का कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं किया है। पार्टी ने इसे एक विवादास्पद मुद्दा मानते हुए इस पर सतर्क रुख अपनाया है।
कांग्रेस ने केवल जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की बात कही है, जो चुनावी माहौल में एक सुरक्षित दांव है।
वहीं, नेकां ने खुलकर इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट की है, जिससे दोनों पार्टियों के गठबंधन में इस मुद्दे पर थोड़ा असमंजस है।
Jammu and Kashmir assembly election: अमित शाह बोले, कांग्रेस एक्सपोज हो गई है
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नेकां-कांग्रेस गठबंधन के चुनावी एजेंडे को पाकिस्तान का समर्थन मिलने पर कांग्रेस को घेरा है।
उन्होंने एक्स पर पोस्ट में लिखा, “पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का आर्टिकल 370 और 35A पर कांग्रेस और JKNC के समर्थन की बात ने एक बार फिर कांग्रेस को एक्सपोज कर दिया है। इस बयान ने पुनः यह स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस और पाकिस्तान के इरादे भी एक हैं और एजेंडा भी।“
उन्होंने आगे लिखा, पिछले कुछ वर्षों से राहुल गाँधी देशवासियों की भावनाओं को आहत करते हुए हर एक भारत विरोधी ताकतों के साथ खड़े रहे हैं।“
शाह ने कहा, “एयर स्ट्राइक व सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत माँगने हों, या भारतीय सेना के बारे में आपत्तिजनक बातें करना हो, राहुल गाँधी की कांग्रेस पार्टी और पाकिस्तान के सुर हमेशा एक रहे हैं और कांग्रेस का हाथ हमेशा देशविरोधी शक्तियों के साथ रहा है।“
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, “लेकिन, कांग्रेस पार्टी और पाकिस्तान यह भूल जाते हैं कि केंद्र में मोदी सरकार है, इसलिए कश्मीर में न तो आर्टिकल 370 वापस आने वाला है और न ही आतंकवाद।“
अनुच्छेद 370 बहाली: क्या यह संभव है?
केंद्र सरकार की मौजूदा स्थिति को देखते हुए अनुच्छेद 370 की बहाली लगभग असंभव प्रतीत होती है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हाल ही में अपने बयान में स्पष्ट किया था कि अनुच्छेद 370 को हटाया जा चुका है और अब इसे कोई भी ताकत बहाल नहीं कर सकती।
हालांकि, नेकां और कांग्रेस के गठबंधन ने इसे एक चुनावी मुद्दा बनाकर अपने मतदाताओं को आकर्षित करने की कोशिश की है।
इंजीनियर राशिद का विवादित बयान: “मोदी को अपने इशारे पर नचाऊंगा”
Jammu and Kashmir assembly election में एक और विवादित चेहरा इंजीनियर अब्दुल राशिद का है, जो अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) के प्रमुख हैं।
राशिद, जो टेरर फंडिंग मामले में जेल में थे, जमानत पर रिहा होकर चुनावी प्रचार में उतर गए हैं। उन्होंने कश्मीरी जनता से अपील की है कि अगर उनकी पार्टी को 20-25 सीटें मिलती हैं, तो वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी “अंगुली पर नचाएंगे” और कश्मीर समस्या को 2-3 सालों में हल कर देंगे।
राशिद का यह बयान एक बार फिर से कश्मीर की राजनीति में ध्रुवीकरण को बढ़ावा दे रहा है।
उनका विवादित बयान प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और भाजपा की नीतियों पर तीखा हमला है, जो जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के हटने के बाद से चर्चा का विषय रहा है।
राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं : उमर अब्दुल्ला
Jammu and Kashmir assembly election के बीच नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख उमर अब्दुल्ला ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अनुच्छेद 370 के संबंध में दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है।
उमर ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट में चार न्यायधीशों की पीठ ने अनुच्छेद 370 को हटाने पर फैसला सुनाया है, लेकिन हो सकता है कि कल, सुप्रीम कोर्ट के सात न्यायाधीशों की पीठ इस अनुच्छेद को बहाल करने का फैसला सुना दे।”
उमर का यह बयान दर्शाता है कि नेशनल कांफ्रेंस अब भी अनुच्छेद 370 की बहाली को लेकर आशान्वित है और इसे चुनावी एजेंडे में प्रमुखता से शामिल कर रही है।
यह भी स्पष्ट करता है कि कश्मीर की राजनीति में यह मुद्दा अब भी अहम भूमिका निभा रहा है।
Jammu and Kashmir assembly election: पहले चरण में 61% मतदान
18 सितंबर 2024 को Jammu and Kashmir assembly election में पहले चरण का मतदान संपन्न हुआ। कुल 24 सीटों पर 61 प्रतिशत मतदान हुआ, जो कि जम्मू कश्मीर की जटिल राजनीतिक परिस्थिति को देखते हुए काफी संतोषजनक माना जा रहा है।
राज्य में कुल 90 विधानसभा सीटों के लिए तीन चरणों में मतदान हो रहा है। अगले चरण 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होंगे, जबकि नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।
मतदान के महत्वपूर्ण तथ्य
कुल सीटें |
90 |
कश्मीर घाटी की सीटें |
47 |
जम्मू संभाग की सीटें |
43 |
एसटी के लिए आरक्षित सीटें |
9 |
एससी के लिए आरक्षित सीटें |
7 |
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