Janmashtami : श्रीकृष्ण क्यों बने माखनचोर। पढ़ें मक्खन के बारे में सब कुछ, भगवान कृष्ण का कंस के खिलाफ सत्याग्रह था माखन चोरी।
सोमवार 26 अगस्त को भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) का जन्मोत्सव जन्माष्टमी (Janmashtami) धूमधाम से मनाई जाएगी। कृष्ण हमारे आराध्य देव हैं।
उनके विराट रूप से लेकर निष्काम कर्म योग, भक्ति योग और 64 कलाओं की चर्चा व्यापक रूप से की जाती है, लेकिन उनकी बाल लीला भी बहुत आकर्षक व प्रेरणादायी है।
हम आज उनके माखन चोर बनने और उसके पीछे संदेश की चर्चा कर रहे हैं। बता रहे हैं आखिर कृष्ण के माखन चोर बनने के पीछे क्या मान्यताएं हैं? भगवान श्रीकृष्ण क्यों माखन चोर कहलाए? उन्हें 56 भोग क्यों लगाए जाते हैं? अच्छी सेहत से माखन का क्या संबंध है?
Janmashtami : मामा कंस टैक्स में लेता था माखन
मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण का मामा कंस मथुरा जनपद का राजा था। वह अपन प्रजा पर भारी जुल्म करता था। वह जनता से टैक्स के रूप में उनकी गायों का दूध और माखन जबर्दस्ती लेता था।
उसके सैनिक बलपूर्वक दूध, माखन व घी आदि की घर घर जबरन वसूली किया करते थे। गोपालकों के बच्चे दूध, दही, माखन को तरसते रहते थे।
कृष्ण ने कंस के इसी अन्याय व जुल्म के खिलाफ बचपन में ही बिगुल फूंक दिया था।
Janmashtami : माखन की मटकी फोड़ देते थे
कृष्ण अपने मित्र ग्वालों के साथ माखन की चोरी किया करते और कंस के हिस्से की माखन की मटकी फोड़ देते थे।
कान्हा सारा माखन अपने संगी साथियों में बांट देते और खुद भी खाते थे।
एक तरह से यह उनका मामा कंस के खिलाफ सत्याग्रह था। कृष्ण का कहना था कि मेहनतकशों को उनका हक मिलना चाहिए।
Janmashtami : मित्र मधुमंगल के लिए माखनचोरी
यह भी पौराणिक मान्यता है कि कृष्ण का मित्र मधुमंगल बहुत ही कमजोर शरीर संरचना का था। वह बहुत दुबला-पतला था। एक बार कृष्ण ने उसके परिवार की दशा जानने और उसके प्रेम की परीक्षा लेने के लिए मधुमंगल से कहा कि वह उनके लिए घर से माखन लेकर आए।
मधुमंगल घर गया तो वहां कुछ ऐसा नहीं था, जो कृष्ण को अर्पण कर सके। घर में दही की बासी कढ़ी बनी रखी थी, वह उसे ही बर्तन में लेकर कृष्ण के पास जाने लगा।
रास्ते में उसे विचार आया कि कृष्ण को बासी कढ़ी पिलाना अच्छा नहीं रहेगा, इसलिए उसने खुद ही झाड़ी में छिपकर कढ़ी पी ली।
जब वह कृष्ण के पास खाली हाथ पहुंचा तो उन्होंने पूछा कि क्या हुआ, कुछ लेकर नहीं आए, इस पर मधुमंगल ने अपने परिवार की दीनता का जिक्र करते हुए घर में माखन नहीं होने की बात कही।
इस पर कृष्ण ने बाल सखा मधुमंगल को वचन दिया कि वे उसके लिए अपने घर से माखन लेकर आएंगे और रोज उसे माखन खिलाएंगे और हृष्ट पुष्ट बनाएंगे।
इसके बाद कृष्ण रोज मधुमंगल के लिए अपने और आसपास के घरों से माखन चुरा कर ले जाने लगे।
Janmashtami : माखन मिश्री से दी यह सीख
कृष्ण को माखन तो प्रिय है ही, उसके साथ मिश्री भी पसंद है। दरअसल उन्होंने माखन मिश्री के माध्यम से हमें यह संदेश दिया कि हमारा व्यक्तित्व व स्वभाव मिलनशील, उदार, नरम और मुलायम होना चाहिए।
मिश्री जब माखन में मिलती है तो वह अपनी मिठास घोल देती है। हमारे गुण ऐसे होना चाहिए कि जब हम किसी से मिलें तो उसमें अपने गुणों को समाविष्ट कर दें।
भगवान कृष्ण का माखन चोरी करना, दोस्तों के साथ उसे मिल बांटकर खाना और शारीरिक रूप से बलवान बने रहना यह दर्शाता है कि आदिकाल से सुर-असुर संग्राम होते रहे हैं और ताकतवर और दैवीय शक्तियों से युक्त पुरुषार्थी की हमेशा जीत होती है।
माखनचोरी और माखन को भोग इस बात को सांकेतिक रूप से कहता है कि स्वस्थ और बल-बुद्धिवान रहना बेहद जरूरी है।
Janmashtami : माखन से सेहत को ये हैं लाभ
भगवान कृष्ण के जीवन की हर लीला चाहे, वह बाल रूप में हो या महाभारत के युद्ध में अर्जुन को दिखाए विराट रूप में, सामान्य जन जीवन के लिए बड़े संदेश देती है।
कृष्ण का बाल रूप जितना ही आकर्षक और मनोहारी है। कृष्ण जन्मोत्सव के मौके पर माखन से सेहत को लाभ की चर्चा भी समीचीन है।
ऐसे में हमें यह जानना जरूरी है कि माखन से सेहत को कितने लाभ हैं।
सफेद मक्खन शरीर के पोषक तत्वों की पूर्ति करता है।
इसमें किसी तरह की मिलावट नहीं हो सकती है।
इसमें शरीर को लाभ पहुंचाने वाला फैट होता है।
इसके अलावा पीला मक्खन या प्रोसेस्ड मक्खन भी बाजार में मिलता है।
यह ज्यादा दिनों तक सुरक्षित रह सके, इसके लिए उसमें नमक मिलाते हैं।
सफेद मक्खन की तुलना में ब्रांडेड मक्खन के इस्तेमाल से ब्लड प्रेशर, किडनी व अन्य रोग वाले मरीजों को नुकसान पहुंच सकता है।
Janmashtami : पीनट बटर
आजकल पीनट बटर (peanut butter) यानी मूंगफली का मक्खन भी बाजार में मिलने लगा है।
इसका सेवन चिकित्सकों की सलाह से किया जा सकता है। हृदय रोगियों को सफेद मक्खन के इस्तेमाल से बचना चाहिए, क्योंकि इसमें कैलोरी और फैट बहुत ज्यादा होता है, जो नुकसान पहुंचा सकता है।
पीनट बटर डायबिटीज व हृदय रोगियों के लिए लाभकारी माना गया है।
Janmashtami : माखन में होते हैं ये पोषक तत्व
कैल्शियम, विटामिन-डी, विटामिन ए, लेसिथिन, विटामिन-ई और फैटी एसिड पाया जाता है।
कैल्शियम और विटामिन-डी से हड्डियों को पोषण मिलता है।
वहीं, विटामिन ए शरीर को मजबूती प्रदान करने के साथ ही रक्तवर्धक है।
यह शरीर को संक्रमण से बचाता है। विटामिन त्वचा में निखार लाता है।
फैटी एसिड के कारण मस्तिष्क के विकास में सहायक है।
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