Jaya Bachchan : जया बच्चन अमिताभ के साथ नाम लेने पर क्यों भड़क जाती हैं?राज्यसभा में सभापति के साथ सपा सांसद की तीखी नोकझोंक।
राज्यसभा में शुक्रवार को समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन और राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ के तीखी नोकझोंक हो गई। यह मामला इतना आगे बढ़ गया कि विपक्ष सदन से वॉकआउट कर गया और विपक्ष के खिलाफ भाजपा की ओर से जेपी नड्डा ने निंदा प्रस्ताव पेश कर दिया। विपक्ष भी सभापति धनखड़ के खिलाफ महाभियोग स्ताव ला सकता है।
शुक्रवार को राज्यसभा की कार्यवाही सुचारू शुरू हुई, लेकिन जब सभापति धनखड़ ने एक विषय पर बोलने के लिए सपा सांसद जया बच्चन को जया अमिताभ बच्चन कह कर पुकारा, तो वे भड़क गईं।
वे अपने नाम के साथ पति व महानायक अमिताभ बच्चन का नाम जोड़कर पुकारे जाने से बहुत गुस्सा थीं। उन्होंने सभापति के लहजे पर ही सवाल खड़े कर दिए।
Jaya Bachchan पहले भी हुई थीं गुस्सा
इससे पूर्व भी जया बच्चन को ‘जया अमिताभ बच्चन’ कहकर पुकारे जाने पर काफी गुस्सा आया था। उस समय आसन पर उपसभापति हरवंश थे। हरवंश ने उनसे कहा था कि आधिकारिक दस्तावेज में यही नाम लिखा है।
जया बच्चन ने इसे पुरुषवादी सोच बताते हुए सवाल उठा दिया कि क्या स्त्री की पहचान उसके पति से ही होती है? उसकी अपनी कोई पहचान नहीं होती।
बाद में 4 अगस्त को ऐसा एक और मौका आया, जब जया ने व्यंग्य में खुद को जया अमिताभ बच्चन कहकर संबोधित किया। उस समय आसन पर सभापति धनखड़ थे।
धनखड़ ने उनसे नाम परिवर्तन की सलाह देते हुए कहा था कि उनके पास आधिकारिक रूप से राज्यसभा सचिवालय की ओर से सदन के सदस्यों के जो दस्तावेज आते हैं और उसमें जो नाम होता है, वे उन्हें उन्हीं नाम से पुकारे जाने के लिए बाध्य हैं।
Jaya Bachchan व धनखड के बीच ऐसे हुई नोकझोंक
- शुक्रवार को भी यह स्थिति आई तो इस बार जया बच्चन ने धनखड़ के लहजे पर ही सवाल खड़े कर दिए। वे बोलीं, सर, मैं जया अमिताभ बच्चन यह बोलना चाहती हूं, मैं एक कलाकार हूं, बॉडी लैंग्वेज समझती हूं, एक्सप्रेशंस समझती हूं। और सर, मुझे माफ करिएगा, लेकिन आपका टोन जो है, वह मंजूर नहीं हैं। हम सहकर्मी हैं। भले ही आप वहां (सभापति का आसन) बैठे हों।‘
- जया के इस तेवर पर सत्तापक्ष की ओर से हंगामा शुरू हो गया। सभापति भी तमतमा गए। सभापति ने सत्ता पक्ष के सदस्यों को शांत करते हुए कहा कि वे जानते हैं, कैसे इस मामले से निपटना है।
जया जी, आपने बड़ा नाम कमाया है
उन्होंने जया बच्चन की ओर मुखातिब होकर उन्हें बैठ जाने के लिए बार-बार कहा और बोले, ‘जया जी, बैठ जाइए। आप बैठ जाइए। जया जी, आपने बड़ा नाम कमाया है।
आप जानती हैं कि कलाकार निर्देशक के अधीन काम करता है। आपने वह नहीं देखा, जो मैंने यहां (सभापति का आसन) से देखा है। हर दिन, मैं दोहराना नहीं चाहता हूं, मैं यहां स्कूलिंग नहीं करना चाहता। मैं वैसा इंसान हूं, जो आउट ऑफ वे जाकर नहीं कहता है और आप कहती हैं, मेरा लहजा?
कोई भी हो, डेकोरम समझना होगा
इस पर विपक्ष की ओर से हंगामा शुरू हो गया तो धनखड़ ने भी गुस्से में कहा कि आप कोई भी हो, आप सेलेब्रिटी हो सकते हो, लेकिन डेकोरम (शिष्टाचार) को समझना होगा, उसे मानना होगा।
विपक्ष का इस तरह का बर्ताव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके बाद सदन में दोनों ओर से हंगामा शुरू हो गया।
वॉकआउट कर गया विपक्ष
इस तीखी नोकझोंक के बाद कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के नेतृत्व में समूचा विपक्ष जया बच्चन के समर्थन में सदन से वॉकआउट कर गया। वे ‘दादागीरी नहीं चलेगी’ के नारे लगाते हुए सदन से बाहर चले गए।
विपक्ष के वॉकआउट पर धनखड़ ने कहा कि वे अपने कर्तव्य से वॉकआउट कर रहे हैं।
विपक्ष के खिलाफ नड्डा का निंदा प्रस्ताव
बाद में विपक्ष के इस बर्ताव के खिलाफ सदन के नेता व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने निंदा प्रस्ताव रखा। नड्डा ने कहा कि न केवल सत्ताधारी दल, बल्कि पूरा देश सभापति की बात के साथ खड़ा है।
विपक्ष का व्यवहार बहुत ही अशोभनीय और गैर जिम्मेदाराना है। उन्होंने कहा कि विपक्ष पार्टी का, व्यक्ति का विरोध करते-करते देश के विरोध में आ गए हैं।
शिवराज बोले-विपक्ष ने किया संविधान का अपमान
विपक्ष के वॉकआउट पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘यह सदन केवल ईंट और गारो का नहीं, लोकतंत्र का पवित्र मंदिर है। मैं छह बार लोकसभा का और 6 बार विधानसभा का सदस्य रहा हूं। मैं 12 बार लोकसभा या विधानसभा में आया, लेकिन अपने जीवन में प्रतिपक्ष का ऐसा अमर्यादित, अशोभनीय व्यवहार नहीं देखा। यह केवल आसंदी का अपमान नहीं, लोकतांत्रिक मूल्यों का अपमान है। शिवराज ने कहा, यह संविधान का अपमान है। विपक्ष ने सारे सदन व देश को शर्मसार किया है।
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