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Laddu Auction : तेलंगाना में 1.87 करोड़ में नीलाम हुआ गणेशजी का लड्डू

नीलामी में मिले रुपयों से किए जाते हैं सेवा कार्य, अनोखी परंपरा में मिली तीन गुना अधिक राशि

Laddu Auction: तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले में हर साल गणेश चतुर्थी के अवसर पर होने वाली लड्डू नीलामी (Laddu Auction) ने 2024 में 1.87 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड बनाया। जानें इस अनोखी परंपरा की महत्ता, धार्मिक आस्था, और समाजसेवा में इसके योगदान के बारे में।

गणेश चतुर्थी के उत्सव में भक्त भगवान गणेश को खुश करने के लिए अनेक प्रकार की पूजा-अर्चना करते हैं, लेकिन तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले के बंदलागुडा जागीर में हर साल होने वाली लड्डू नीलामी (Laddu Auction) इस त्योहार को और खास बना देती है।

Laddu Auction:  गणेश चतुर्थी की अनूठी परंपरा

गणेश चतुर्थी का उत्सव भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस पर्व के दौरान भक्तगण भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के पूजा अनुष्ठान करते हैं। गणपति बप्पा को लड्डू अत्यंत प्रिय माना जाता है, और इसी वजह से उन्हें विशेष रूप से लड्डू का भोग लगाया जाता है।

लेकिन, तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले के बंदलागुडा जागीर में हर साल होने वाली लड्डू नीलामी (Laddu Auction) इस पर्व को और भी खास बना देती है।

रिकॉर्ड लड्डू नीलामी

हर साल गणेश चतुर्थी के अवसर पर बंदलागुडा के कीर्ति रिचमंड विला में विशेष लड्डू की नीलामी (Laddu Auction) होती है। इस वर्ष, इस लड्डू ने नया इतिहास रचा जब यह 1.87 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड कीमत पर नीलाम हुआ।

यह लड्डू सिर्फ एक मिठाई नहीं है; यह आस्था, विश्वास, और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। माना जाता है कि जो व्यक्ति इस लड्डू को प्राप्त करता है, वह भगवान गणेश के विशेष आशीर्वाद का हकदार बनता है।

लड्डू नीलामी की क्या है परंपरा?

गणेश चतुर्थी के समय, खासकर तेलंगाना और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में, लड्डू नीलामी (Laddu Auction) की परंपरा तेजी से बढ़ रही है। यह नीलामी न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि इससे प्राप्त राशि का उपयोग समाजसेवा के लिए भी किया जाता है।

इस लड्डू की मान्यता है कि जो इसे खरीदता है, उसके जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। गणेश विसर्जन के दिन, जब यह लड्डू नीलाम किया जाता है, तो इसे खरीदने की होड़ में स्थानीय व्यापारी, व्यवसायी और अन्य भक्तजन बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं।

लड्डू नीलामी के पिछले सालों के आंकड़े

वर्ष रुपए
2022 60 लाख
2023 1.26 करोड़
2024 1.87 करोड़

तीन साल के भीतर लड्डू की कीमत लगभग तीन गुना बढ़ गई है। इस तेजी से बढ़ती कीमत ने न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि पूरे देश में इस परंपरा को सुर्खियों में ला दिया है।

लड्डू की महत्ता और इसके पीछे की मान्यता

लड्डू, खासकर गणेशजी को अर्पित किए जाने वाला लड्डू, सिर्फ एक मिठाई नहीं होती। इसे धार्मिक आस्था और भगवान गणेश के प्रति भक्ति का प्रतीक माना जाता है।

इस लड्डू को प्राप्त करना इस बात का संकेत होता है कि गणपति बप्पा की विशेष कृपा उस व्यक्ति पर बनी रहेगी। इसे खरीदने वाले व्यक्ति को यह विश्वास होता है कि भगवान गणेश उनके जीवन में प्रगति, समृद्धि और खुशियों का आशीर्वाद देंगे।

इस लड्डू से जुड़ी धार्मिक मान्यताएँ

  1. गणपति बप्पा की प्रसन्नता: लड्डू को प्राप्त करने वाला व्यक्ति भगवान गणेश की कृपा और आशीर्वाद का हकदार बनता है।
  2. समृद्धि और खुशहाली: लड्डू को खरीदने वाला व्यक्ति अपने जीवन में व्यापारिक और व्यक्तिगत उन्नति की अपेक्षा करता है।
  3. समाजसेवा के लिए योगदान: लड्डू नीलामी से प्राप्त राशि को समाजसेवा के कार्यों में लगाया जाता है, जिससे लड्डू को खरीदने वाले व्यक्ति का समाज के प्रति योगदान भी होता है।
    Laddu Auction, गणेश चतुर्थी
    तेलंगाना की कीर्ति रिचमंड विला में हुई सबसे महंगे लड्डू की नीलामी।

समाजसेवा में उपयोग

लड्डू की नीलामी (Laddu Auction) से जो धनराशि प्राप्त होती है, उसे समाजसेवा के कार्यों में दान किया जाता है। इस राशि को एक गैर-सरकारी संगठन या ट्रस्ट को सौंप दिया जाता है, जो इसे विभिन्न सामाजिक कार्यों में खर्च करता है।

मुख्य रूप से यह राशि गरीब बच्चों की शिक्षा, छात्रावास की सुविधाओं, और अन्य जरूरतमंदों की मदद के लिए इस्तेमाल की जाती है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि लड्डू नीलामी से न केवल धार्मिक आस्था को बल मिलता है, बल्कि समाज को भी लाभ पहुँचता है।

Laddu Auction के पीछे की आर्थिक और सामाजिक सोच

इस तरह की नीलामी (Laddu Auction) से न केवल धार्मिक और सामाजिक उद्देश्यों की पूर्ति होती है, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधि भी बन चुकी है।

तेलंगाना और आसपास के क्षेत्रों में गणेश चतुर्थी के समय इस लड्डू नीलामी के दौरान लाखों करोड़ों रुपये का लेन-देन होता है। इस आर्थिक गतिविधि से स्थानीय व्यापार और उद्योग को भी बढ़ावा मिलता है।

 Laddu Auction में भाग लेने वाले प्रमुख लोग

  • स्थानीय व्यापारिक समूह
  • प्रतिष्ठित व्यवसायी
  • धार्मिक ट्रस्ट और समितियाँ

नीलामी में भाग लेने वाले लोग इस अवसर को न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानते हैं, बल्कि यह उनके लिए सामाजिक प्रतिष्ठा का भी एक तरीका है। जो व्यक्ति लड्डू को उच्चतम बोली लगाकर प्राप्त करता है, उसकी समाज में प्रतिष्ठा और बढ़ जाती है।

 Laddu Auction से मिलने वाली प्रेरणा

लड्डू नीलामी की यह परंपरा कई सामाजिक और धार्मिक मूल्यों को सशक्त बनाती है। इससे हमें यह प्रेरणा मिलती है कि आस्था और विश्वास के साथ जब हम किसी चीज़ का सम्मान करते हैं, तो वह केवल हमारे लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए फायदेमंद होती है।

इस लड्डू की नीलामी से प्राप्त होने वाली राशि समाज के जरूरतमंदों की मदद करती है, जिससे यह पर्व और भी सार्थक हो जाता है।

निष्कर्ष

लड्डू नीलामी केवल एक व्यापारिक या धार्मिक गतिविधि नहीं है; यह आस्था, समाजसेवा, और सामाजिक समृद्धि का संगम है। इस वर्ष बंदलागुडा जागीर में लड्डू की नीलामी ने एक नया रिकॉर्ड कायम किया, जब इसे 1.87 करोड़ रुपये की उच्चतम बोली पर बेचा गया। यह परंपरा इस बात का प्रतीक है कि आस्था और समाजसेवा के संगम से समाज में किस प्रकार से समृद्धि और खुशहाली लाई जा सकती है।

यह भी पढ़ें : 

https://www.thedailynewspost.com/ganesh-chaturthi/

https://www.indiatoday.in/india/story/telangana-ganesh-laddu-auction-record-rs-187-ganpati-puja-celebrations-2601218-2024-09-17

यह भी देखें : 

https://youtu.be/wlmkeyBOteA?si=1mR9wTD4TrU0uLKc

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