Malabar Spinach: मालाबार पालक के 8 औषधीय गुण। एनीमिया और डायबिटीज के मरीजों के लिए वरदान। इसे घर में ही उगा सकते हैं।
आमतौर पर हमें सब्जी के रूप में सिर्फ हरा पालक मिलने की ही जानकारी है, लेकिन आयरन और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर पालक की कई किस्में हैं। इनमें से एक मालाबार पालक (Malabar Spinach) है, जो सब्जियों में अमृत तुल्य माना जा सकता है।
Malabar Spinach 8 कारणों से है खास
1. इसके पत्ते विटामिन विटामिन ए, बी और सी (Vitamin A, B और C) के साथ-साथ आयरन, पोटेशियम और कैल्शियम से भरपूर होते हैं।
2. इनमें कैलोरी कम होती है, एंटीऑक्सीडेंट अधिक होते हैं और फाइबर से भरपूर होने के साथ ही इनमें प्रोटीन भी पाया जाता है।
3. शुगर, डायबिटीज के मरीजों के लिए तो यह सच में अमृत तुल्य है।
खून की कमी दूर करता है
4. मालाबार पालक( चूंकि आयरन यानी लौह तत्व से भरपूर होता है, इसलिए इसकी कोई भी किस्म हो, वह शरीर को पोषित करने वाले तत्वों से भरपूर होती है।
5. यह शरीर में खून या आयरन की कमी को दूर करता है। साथ ही कैल्शियम से भरपूर होने के कारण यह शरीर को मजबूती प्रदान करता है।
6. यह हृदय के लिए बहुत अच्छा है। विटानिम ए, मैग्नीशियम, पोटैशियम, प्रोटीन और कई तरह के खनिजों से यह भरपूर है।
खाने से नहीं बढ़ती शुगर
7. मालाबार पालक या पोई की सब्जी या कच्चे सेवन से शरीर में खून की कमी तो दूर होती ही है, खून में लाल रक्त कणिकाएं यानी हीमोग्लोबीन भी बढ़ता है।
8. जिन लोगों को रात में नींद अच्छी नहीं आती, वे भी इसका नियमित सेवन करें तो उन्हें राहत मिल सकती है, क्योंकि इसमें मैग्नीशियम के साथ ही जिंक भी है। यह फाइबर का भी अच्छा स्रोत है। इससे यह सुपाच्य है और पेट के रोगों को भी दूर करता है।
Malabar Spinach क्या है
इसका पौधा पालक परिवार का सदस्य नहीं है, लेकिन इसका स्वाद पालक जैसा ही होता है। गर्मी में भी उगने और बढ़ने वाले इस पौधे को देसी भाषा में पोई साग भी कहा जाता है।
इसे Ceylon spinach, vine spinach, Indian spinach और climbing spinach भी कहा जाता है। मालाबार पालक को लोग पोई, पोयसाग या बचलू के रूप में भी जानते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम बेसेला अल्बा BASELLA ALBA और Basella rubra भी है।
कई लोग इसे कच्चा खाना भी पसंद करते हैं। पोई को पकाए जाने पर इसका स्वाद पालक जैसा ही होता है। पोई को कच्चा खाने पर हल्का खट्टा लगता है।
इसे सब्जी के रूप में फ्राइ करने पर कुरकुरा किया जा सकता है। इसके पकोड़े बहुत स्वादिष्ट बनते हैं।
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Malabar Spinach कैसे उगाएं
सबसे बड़ी बात यह है कि इसे खेतों के अलावा घरों व बगीचों में भी उगाया जा सकता है। इसके लताएं लगाई जा सकती हैं।
मालाबार पालक के पौधे को बीज और बेल के जरिए लगाया जा सकता है। ये पौधे 12 माह चलते हैं, यानी बारहमासी होते हैं।
इन्हें हल्की धूप की जरूरत होती है। दिन में छह घंटे की धूप व अल्प मात्रा में पानी पर्याप्त है।
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इसके पौधे एक बार तैयार होने के बाद सालों तक चलते हैं, यानी इन्हें बार बार लगाने की जरूरत नहीं होती।
इसे बेल के रूप में बागड़ या जाली के सहारे भी लगाया जा सकता है। यह लता के रूप में अन्य पेड़, दीवार के सहारे आगे बढ़ता जाता है।
घर में ऐसे होगा बड़ा
मालाबार पालक के पौधों को गमले या क्यारी में लगाने के बाद उनकी हल्की निंदाई गुड़ाई करते रहे। उनमें खरपतवार न पनपने दें। खरपतवारों को उखाड़ते रहें।
साथ ही इन पौधों को अच्छे पोषण के लिए गोबर और नीम खाद डालते रहें। मिट्टी में नमी होना चाहिए, लेकिन ये पानी से लबरेज नहीं होना चाहिए, न ही सूखी होना चाहिए।
ठंड के दिनों में यह पौधा झुलस सकता है, इसलिए इन दिनों में इसे ठंड से बचाने के इंतजाम किए जाना चाहिए।
60 से 70 दिनों में इस पौधे की पत्तियों को तोड़कर सब्जी, पकोड़े या सलाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
बीज कहां मिलेंगे
इसका पौधा आपको आसानी से आपके आसपास स्थित नर्सरी से नहीं मिलेगा। इसे घर में उगाने के लिए बीजों की आवश्यकता होगी। सौभाग्य से, इसके बीज आसानी से किसी भी ऑनलाइन ई-कॉमर्स कंपनी से मंगाए जा सकते हैं।
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