Pappammal Amma: देश की सबसे बुजुर्ग महिला किसान तमिलनाडु की पप्पमल अम्मा Pappammal Amma का 110 साल की उम्र में शुक्रवार को निधन हो गया। अम्मा ने जैविक खेती की मिसाल पेश की। उन्हें 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पद्मश्री से सम्मानित किया था।
पीएम नरेंद्र मोदी ने पप्पमल अम्मा के निधन पर शोक व्यक्त किया है। तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन और मध्य प्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव समेत देश के अनेक नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।
पप्पमल अम्मा का का पूरा नाम आर रंगम्मा उर्फ पप्पम्मल था। शुक्रवार को उन्होंने तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले के मेट्टुपालयम के पास थेक्कमपट्टी में अंतिम सांस ली।
तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने अपने शोक संदेश में अम्मा के योगदान को याद किया। स्टालिन ने कहा कि पप्पम्मल अपनी आखिरी सांस तक कृषि क्षेत्र में काम कर रही थीं। केंद्रीय मंत्री एल मुरुगन ने भी एक्स पर एक पोस्ट कर उनके निधन पर शोक व्यक्त किया।
Pappammal Amma ने 30 साल की उम्र में शुरू की थी जैविक खेती
पप्पमल अम्मा ने 30 साल की उम्र में जैविक खेती शुरू की थी। उनके बचपन में ही माता पिता का निधन हो गया था। इससे पहले अम्मा एक छोटी से दुकान चलाती थीं। यह दुकान उन्हें नानी की ओर से विरासत में मिली थी।
इसमें अम्मा ने एक भोजनालय चलाया था। इससे हुए मुनाफे से उन्होंने थोड़े थोड़े पैसे एकत्रित किए और 10 एकड़ जमीन खरीदी। अम्मा ने बाद में इसमें से 7.50 एकड़ जमीन बेच दी, क्योंकि अकेली के लिए इतनी जमीन संभालना मुश्किल हो रहा था। इसके बाद उन्होंने बची 2.5 एकड़ जमीन पर जैविक खेती शुरू की।
Pappammal Amma को नानी ने पाला पोसा था
Pappammal Amma पप्पमल अम्मा का जन्म 1914 में तमिलनाडु के देवलपुरम गांव में जन्मी पप्पमल अम्मा के माता-पिता का निधन बचपन में ही हो गया था। इसलिए उनका पालन-पोषण कोयम्बटूर जिले के थेक्कमपट्टी में उनकी नानी ने किया।
Pappammal Amma के पीएम मोदी ने छूए थे चरण
पीएम नरेंद्र मोदी ने पप्पमल अम्मा के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर लिखा – “पप्पमल जी के निधन से बहुत दुख हुआ। उन्होंने कृषि, खासकर जैविक खेती में अपनी छाप छोड़ी। लोग उनकी विनम्रता और दयालु स्वभाव के लिए उनकी प्रशंसा करते थे। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और शुभचिंतकों के साथ हैं। ओम शांति।”
मार्च 2023 में पप्पमल वैश्विक मिलेट्स सम्मेलन में भाग लेने के लिए नई दिल्ली आईं थीं। तब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। पीएम मोदी ने पप्पमल के चरण स्पर्श कर उनका आशीर्वाद लिया था।
खेती से मिली लंबी उम्र
Pappammal Amma पप्पमल अम्मा अपनी दिनचर्या सुबह 5:30 बजे शुरू कर देती थीं और सुबह 6 बजे खेत पर पहुंच जातीं और दोपहर तक खेत में काम करतीं। खेत में मेहनत, मिताहार और स्वच्छ आबोहवा से उन्हें लंबी उम्र मिली।
राजनीति में भी रहीं सक्रिय
पप्पमल अम्मा देश में महिला सशक्तिकरण की भी प्रतीक थीं। वे राजनीति में भी सक्रिय रहीं। 1959 में थेक्कमपट्टी पंचायत की पंच बनीं। बाद में पंचायत उपाध्यक्ष बनीं।
अम्मा कई दशकों तक तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय की सलाहकार भी रहीं। वे तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) की सदस्य भी रहीं और पार्टी के संस्थापक व पूर्व सीएम स्व. एम. करुणानिधि की प्रबल प्रशंसक थीं।
अम्मा इसलिए हैं युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत
Pappammal Amma पप्पमल अम्मा उन युवाओं व अधेड़ों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं, जो 50 या 60 की उम्र में कामकाज बंद कर सेवानिवृत्त होना चाहते हैं। अम्मा ने उम्र के लगभग 100 वर्षों तक खेत में सक्रिय जीवन जीया, पिछले कुछ समय वे जरूर उम्र के कारण होने वाली शारीरिक समस्याओं से पीड़ित रहीं, लेकिन देश में जैविक खेती में वे अपना नाम रोशन कर गईं और युवाओं को भी ताउम्र सक्रिय रहने और जीवन के विविध क्षेत्रों में उद्यमशील और कर्मशील बने रहने की प्रेरणा दे गईं।
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