प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण प्लस (PMAY-G) के तहत पात्रता मानदंडों में बदलाव किए गए हैं ताकि अधिक से अधिक लोगों को इस योजना का लाभ मिल सके। अब टू व्हीलर और टेलीफोन धारक को भी इस योजना के तहत मकान का लाभ मिल सकेगा। ₹15,000 मासिक आय वाले लोग भी योजना के तहत पात्र होंगे। साथ ही, 5 एकड़ से अधिक असिंचित भूमि के स्वामी भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
राष्ट्रीय किसान दिवस 2024 के अवसर पर 23 दिसंबर को केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि अनुसंधान परिषद – कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, पुणे, महाराष्ट्र में आयोजित किसान सम्मान दिवस और किसान एवं ग्रामीण विकास लाभार्थी सम्मेलन में भाग लिया। इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण प्लस (PMAY-G) की उपलब्धियों और संभावनाओं पर चर्चा करते हुए श्री चौहान ने इन महत्वपूर्ण बदलावों का जिक्र किया।
PMAY-G : पात्रता मानदंडों में अहम बदलाव
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण प्लस (PMAY-G) का उद्देश्य ग्रामीण भारत में हर परिवार को पक्का मकान प्रदान करना है। इस योजना के तहत सरकार की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी व्यक्ति पक्के मकान से वंचित न रहे। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि योजना में अब तक उन लोगों को भी शामिल किया गया है, जिन्हें पहले पात्रता के मापदंडों के कारण लाभ नहीं मिल सका।
नए पात्रता मापदंड : सबके लिए आवास
श्री चौहान ने बताया कि PMAY-G के तहत पात्रता मानदंडों में बदलाव किए गए हैं ताकि अधिक से अधिक लोगों को इस योजना का लाभ मिल सके।
- टू व्हीलर और टेलीफोन धारक: पहले इन साधनों के स्वामित्व के कारण कई लोग इस योजना से वंचित रह जाते थे। लेकिन अब ये लोग भी मकान का लाभ उठा सकेंगे।
- मासिक आय सीमा: अब ₹15,000 मासिक आय वाले लोग भी योजना के तहत पात्र होंगे।
- भूमि स्वामित्व: 5 एकड़ से अधिक असिंचित भूमि के स्वामी भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
आवास योजना के माध्यम से ग्रामीण जीवन में सुधार
PMAY-G योजना के तहत अब तक लाखों ग्रामीण परिवारों को पक्के मकान का लाभ मिला है। यह योजना सिर्फ आवास प्रदान करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण विकास का एक समग्र मॉडल प्रस्तुत करती है।
- स्वच्छता और स्वास्थ्य: पक्के मकानों के साथ स्वच्छता और स्वास्थ्य के स्तर में सुधार हुआ है।
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था: रोजगार के अवसर बढ़े हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का विकास हुआ है।
महिला सशक्तीकरण में योगदान
PMAY-G के साथ ही नारी सशक्तिकरण पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार का लक्ष्य पूरे देश में 3 करोड़ “लखपति दीदी” बनाने का है। अब तक 1.15 करोड़ महिलाओं को इस योजना से सशक्त किया जा चुका है। स्वयं सहायता समूहों का योगदान भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में प्रमुख है, और इस दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता स्पष्ट है।
कृषि और ग्रामीण विकास का समग्र दृष्टिकोण
श्री चौहान ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कृषि क्षेत्र में भी व्यापक सुधार किए गए हैं। यूपीए सरकार के दौरान कृषि बजट मात्र ₹23,000 करोड़ था, जिसे बढ़ाकर वर्तमान सरकार ने ₹1,27,000 करोड़ कर दिया है।
- प्राकृतिक कृषि: उन्होंने प्राकृतिक खेती की ओर कदम बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। यह न केवल पर्यावरण के लिए बेहतर है, बल्कि किसानों की आय बढ़ाने में भी सहायक होगी।
- कीटनाशकों के उपयोग पर नियंत्रण: मंत्री ने कीटनाशकों के अनियंत्रित उपयोग को रोकने की अपील की और प्राकृतिक कृषि को प्राथमिकता देने का आह्वान किया।
न्यूनतम समर्थन मूल्य और सब्सिडी
2014 से 2024 के बीच, सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के दायरे में कई नई फसलें शामिल की हैं। इसके अलावा, 45 कार्यक्रमों के तहत ₹1.94 लाख करोड़ की सब्सिडी प्रदान की गई है। यह किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और आयात पर निर्भरता कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण प्लस (PMAY-G) न केवल आवास प्रदान करने का माध्यम है, बल्कि यह ग्रामीण भारत के विकास की दिशा में एक मजबूत कदम है। केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा से यह स्पष्ट है कि सरकार इस योजना को अधिक समावेशी और प्रभावी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
PMAY-G योजना के माध्यम से न केवल ग्रामीण जीवन स्तर में सुधार हो रहा है, बल्कि यह भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बना रही है। आने वाले समय में, PMAY-G जैसी योजनाएं देश के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
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