
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित रिपब्लिक प्लेनरी समिट 2025 को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने भारत की प्रगति, युवाओं की भूमिका, ग्रामीण विकास, संपत्ति कार्ड, और सरकार की नीतियों के प्रभाव पर गहराई से प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि भारत में गाँवों की कुल संपत्ति 100 लाख करोड़ रुपये से अधिक है और अब तक 2 करोड़ से अधिक संपत्ति कार्ड (SampattiCard) जारी किए जा चुके हैं। भारत आज अपनी आर्थिक, सामाजिक और वैश्विक उपलब्धियों के चलते एक नई ऊँचाई पर पहुँच चुका है। SampattiCard की इस पहल से ग्रामीणों को बैंक ऋण लेने और अपने घरों को आर्थिक साधन के रूप में उपयोग करने में सहायता मिल रही है। पहले, संपत्ति कार्ड (SampattiCard) की अनुपस्थिति के कारण कई भूमि विवाद और अदालती मामले होते थे, लेकिन अब यह समस्या काफी हद तक समाप्त हो रही है।
भारत: वैश्विक विकास को गति देने वाला राष्ट्र
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि भारत अब केवल अपनी प्रगति तक सीमित नहीं है, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था और नवाचार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा, “आज पूरी दुनिया कह रही है कि यह भारत की सदी है। भारत की उपलब्धियों और सफलताओं ने पूरे विश्व में एक नई उम्मीद जगाई है।”
भारत को पहले एक विकासशील देश माना जाता था, लेकिन अब यह दुनिया की पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और तेजी से तीसरे स्थान की ओर बढ़ रहा है।
2007 में भारत की वार्षिक जीडीपी 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर थी, लेकिन आज भारत केवल एक तिमाही में इतनी ही आर्थिक गतिविधि दर्ज कर रहा है। यह भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था और व्यापार क्षमता को दर्शाता है।
गाँवों के विकास के लिए SampattiCard
प्रधानमंत्री मोदी ने गाँवों के आर्थिक सशक्तिकरण और संपत्ति अधिकारों की सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही स्वामित्व योजना पर विशेष ध्यान दिया।
उन्होंने बताया कि भारत में गाँवों की कुल संपत्ति 100 लाख करोड़ रुपये से अधिक है, लेकिन कानूनी दस्तावेजों और मानचित्रण की कमी के कारण ग्रामीण लोग इसका उपयोग आर्थिक उन्नति के लिए नहीं कर पा रहे हैं।
उन्होंने कहा, “भारत में ग्रामीण घरों को संपत्ति के अधिकार (SampattiCard) देने के लिए स्वामित्व योजना शुरू की गई है। ड्रोन तकनीक का उपयोग करके प्रत्येक गाँव के घर का सर्वेक्षण और मानचित्रण किया जा रहा है, जिससे संपत्ति कार्ड (SampattiCard) जारी किए जा सकें।”
अब तक 2 करोड़ से अधिक संपत्ति कार्ड (SampattiCard) जारी किए जा चुके हैं। SampattiCard की इस पहल से ग्रामीणों को बैंक ऋण लेने और अपने घरों को आर्थिक साधन के रूप में उपयोग करने में सहायता मिल रही है। पहले, संपत्ति कार्ड (SampattiCard) की अनुपस्थिति के कारण कई भूमि विवाद और अदालती मामले होते थे, लेकिन अब यह समस्या काफी हद तक समाप्त हो रही है।
युवाओं की शक्ति: भारत के विकास का एक्स-फैक्टर
प्रधानमंत्री मोदी ने युवाओं को देश की सबसे बड़ी ताकत बताया। उन्होंने कहा कि आज के युवा “एक्स-फैक्टर” हैं, जहाँ “एक्स” का अर्थ है “प्रयोग, उत्कृष्टता और विस्तार”।
युवाओं की नवाचार क्षमता, तकनीकी दक्षता और सोचने की शक्ति ने भारत को विश्व मंच पर एक नई पहचान दी है। उन्होंने इस शिखर सम्मेलन में युवाओं की भागीदारी की सराहना की और कहा कि जब देश के युवा राष्ट्रीय चर्चा में शामिल होते हैं, तो विचारों में नवीनता आती है और पूरा वातावरण उनकी ऊर्जा से भर जाता है।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कैसे उन्होंने भारत की राजनीति में बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि के एक लाख युवाओं को लाने का संकल्प लिया है।
यह पहल पारंपरिक राजनीतिक ढांचे को बदलने और युवाओं को सक्रिय रूप से राष्ट्रीय नेतृत्व में शामिल करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी।
प्रशासनिक सुधार: प्रभावहीन शासन से प्रभावशाली प्रशासन तक
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर बल दिया कि कैसे पिछले एक दशक में भारत ने प्रभावहीन प्रशासन को प्रभावशाली शासन में बदल दिया है।
पहले सरकारी योजनाओं का लाभ गरीबों तक पूरी तरह नहीं पहुँचता था, लेकिन अब प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) प्रणाली के माध्यम से 42 लाख करोड़ रुपये से अधिक सीधे लाभार्थियों के खातों में पहुँचाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि पहले सरकार द्वारा भेजे गए 1 रुपये में से केवल 15 पैसे गरीबों तक पहुँचते थे, लेकिन अब पूरी राशि लाभार्थियों तक सीधे पहुँच रही है।
ऊर्जा और औद्योगिक विकास में भारत की छलांग
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि कैसे भारत ने पिछले दशक में ऊर्जा उत्पादन, रक्षा क्षेत्र और विनिर्माण उद्योग में जबरदस्त प्रगति की है:
- सौर ऊर्जा क्षमता: भारत अब शीर्ष 5 देशों में शामिल हो चुका है, और सौर ऊर्जा उत्पादन में 30 गुना वृद्धि हुई है।
- खिलौना उद्योग: पहले भारत छोटे खिलौने भी आयात करता था, लेकिन अब भारत का खिलौना निर्यात तीन गुना बढ़ गया है।
- रक्षा उत्पादन: भारत अब अपनी सेना के लिए राइफलें और अन्य हथियार खुद बना रहा है, जिससे रक्षा निर्यात 20 गुना बढ़ गया है।
- इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास: पिछले 10 वर्षों में भारत में हवाई अड्डों की संख्या दोगुनी हो चुकी है और मेडिकल कॉलेजों की संख्या तीन गुना बढ़ गई है।
भारत की मानसिकता में बदलाव: बड़े लक्ष्य, बड़े परिणाम
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पहले भारत में यथास्थिति (Status Quo) को स्वीकार करने की मानसिकता थी, लेकिन अब लोगों की आकांक्षाएँ बढ़ी हैं।
लोग अब सूखा राहत कार्य की मांग से आगे बढ़कर वंदे भारत कनेक्टिविटी और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों की मांग करने लगे हैं। उन्होंने कहा कि यह बदलाव इस बात को दर्शाता है कि लोग अब विकास की नई ऊँचाइयों को छूने के लिए तैयार हैं।
नवाचार और स्टार्टअप्स: नए भारत की नई उड़ान
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार लगातार ऐसी बाधाओं को हटा रही है जो भारत की प्रगति में अवरोध पैदा कर रही थीं। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र को अब निजी कंपनियों और स्टार्टअप्स के लिए खोल दिया गया है, जिससे 250 से अधिक नए स्टार्टअप उभरे हैं। विक्रम-एस और अग्निबाण जैसे रॉकेट इसी पहल का नतीजा हैं।
इसी तरह, परमाणु ऊर्जा क्षेत्र को भी निजी कंपनियों के लिए खोला गया है, जिससे भारत 2047 तक 100 गीगावॉट परमाणु ऊर्जा क्षमता जोड़ने के लिए तैयार है।
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