अमेरिका USA के न्यू ऑरलियन्स New Orleans शहर की बोर्बोर्न स्ट्रीट में नववर्ष 2025 के जश्न New Year celebration के मौके पर आतंकी हमला Terror Attack हुआ। इसमें 10 लोगों की जान चली गई और 30 लोग घायल हो गए। बोर्बोर्न स्ट्रीट में एक इस्लामिक आतंकी अंधाधुंध रफ्तार से ट्रक लेकर घुस आया। देखते देखते उसने 40 से ज्यादा लोगों को कुचल डाला। 10 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 30 गंभीर रूप से घायल हुए हैं। राष्ट्रपति जो बाइडन और निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ने इस हमले की निंदा करते हुए दोषियों को कड़ी सजा देने की बात कही है।
यह हमला New Orleans शहर के व्यस्त इलाके में हुआ। हमले के बाद चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई। अमेरिका में 2001 में हुए भयावह 9/11 हमले के 24 साल बाद यह बड़ा हमला है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, अंधाधुंध रफ्तार से एक ट्रक भीड़ में घुस गया। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इलाके को घेर लिया और हमलावर को पकड़ने की कोशिश की। इसी दौरान गोलियां चलने की भी आवाज आई। इसी दौरान सुरक्षा बलों ने हमलावर को मार गिराया। आतंकी हमले की खबर फैलते ही पूरे शहर में हड़कंप मच गया। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और घायलों को हर संभव मदद पहुंचाने का आश्वासन दिया।
मेयर ने कहा आतंकी हमला
न्यू ऑरलियन्स की मेयर लातोया कॉन्त्रैल ने कहा कि नए साल के दिन एक ‘आतंकवादी हमला’ था। न्यू ऑरलियन्स की आपात मामलों के लिए जिम्मेदार एजेंसी नोला (न्यू ऑरलियन्स, लुइसियाना) रेडी ने बताया कि यह घटना नई साल के पहले दिन की सुबह के शुरुआती घंटों में हुई। एजेंसी ने लोगों से अपील की कि वे घटना स्थल से दूर रहें। घायलों को पांच स्थानीय अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
तड़के सवा तीन बजे ट्रक बैरिकेड तोड़ता हुआ आया
यह आतंकी हमला मंगलवार सुबह करीब 3.15 बजे हुआ। उस वक्त शहर की प्रसिद्ध सड़क पर नए साल का जश्न अंतिम चरण में था। इसी दौरान सफेद रंग का एक ट्रक बैरिकेड तोड़ता हुआ आया और स्ट्रीट में मौजूद लोगों को रौंदता चला गया। वहां मौजूद एक युवती ने सीएनएन को बताया कि ‘मैंने बस इतना देखा कि एक ट्रक बॉर्बन स्ट्रीट के बाईं ओर खड़े सभी लोगों से रौंदता आ रहा है।’ कार की टक्कर से एक शख्स के शरीर के टुकड़े हो गए।
गोलियां चलने की आवाज सुनी
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि ट्रक ड्राइवर के वाहन से बाहर निकलने के बाद उसके और पुलिस के बीच गोलीबारी हुई। उन्होंने बताया कि, ‘हमने गोलियों की आवाज सुनी, पुलिस को उस दिशा में भागते देखा।’ वे गोलीबारी बंद होने तक पास में एक कोने में छिपे रहे, फिर बाहर आए, जहां उन्हें कई लोग घायल सड़क पर खून से लथपथ मिले। लुइसियाना के एक शख्स ने कहा कि कुछ शव मुझे सड़क पर बुरे हाल में पड़ नजर आए।
जवाबी कार्रवाई में आतंकी शम्सुद्दीन जबर ढेर
न्यू ऑरलियंस पुलिस ने पुष्टि की है कि अधिकारियों ने आतंकी ट्रक ड्राइवर को गोली मारकर ढेर कर दिया है। न्यू ऑरलियंस पुलिस ने कहा कि अधिकारी संदिग्ध को पकड़ने की कोशिश कर रहे थे, तभी संदिग्ध ने गाड़ी रोक कर फायर किया, अधिकारियों ने जवाबी करवाई की उसी दौरान मुठभेड़ में उसकी मौत हो गई। संदिग्ध आतंकी का नाम “शमसुद्दीन जबर’ है। वह अमेरिकी नागरिक है और टेक्सास का रहने वाला है। पुलिस विभाग ने पुष्टि की है कि उसके खिलाफ पुराने चोरी के रेकॉर्ड भी हैं। सूत्रों का कहना है कि आतंकी के पास हमले के आईएसआईएस का झंडा था।
हमला बर्दाश्त नहीं : बाइडन
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने कहा “मैं शुक्रगुजार हूं, जांच एजेंसी की तत्काल कार्रवाई के लिए। मैं उन पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं, जो वहां छुट्टियां मना रहे थे। देश में किसी भी प्रकार की हिंसा का कोई कारण नहीं है। हम हमारे देश के किसी समुदाय पर हमला बर्दाश्त नहीं करेंगे।
ट्रंप ने प्रकट की संवेदना
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि न्यू ऑरलियंस के बहादुर अधिकारियों सहित सभी निर्दोष पीड़ितों और उनके परिजनों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं, ट्रंप प्रशासन पूरी तरह न्यू ऑरलियंस शहर का साथ देगा वह पूरी जांच करेगा और हालात से उबरेगा।
आठ साल पहले फ्रांस के नीस में आईएस ने किया था ऐसा हमला
बता दें, इससे पहले फ्रांस के नीस शहर में 15 जुलाई 2016 को एक शख्स बेकाबू ट्रक को लेकर फ्रेंच नेशनल डे समारोह की भीड़ में घुस गया था। हमलावर ने लोगों को रौंदने के बाद फायरिंग भी की थी। हमलावर ने करीब दो किलोमीटर इलाके में कहर बरपाया था। ट्रक से किए गए हमले में 84 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 50 से अधिक लोग घायल हुए थे। आतंकवादी संगठन आईएसआईएस ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। हमले के शिकार ज्यादातर विदेशी हुए थे, जो फ्रेंच नेशनल डे के जश्न के दौरान आतिशबाजी देखने के लिए जमा हुए थे। इनमें स्विटजरलैंड, ब्रिटेन, स्पेन के लोग भी शामिल हैं। नेशनल डे समारोह में फ्रांस के साथ-साथ कई देशों के लोग जमा हुए थे।