लाइफ

WatershedYatra : 13,587 गांवों में जल और माटी बचाने का संकल्प

केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वाटरशेड यात्रा का वर्चुअली शुभारंभ किया

केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा जल और माटी संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण अभियान शुरू किया गया है, जिसे वाटरशेड यात्रा WatershedYatra नाम दिया गया है। इस यात्रा का उद्देश्य देशभर में जल और भूमि संरक्षण को बढ़ावा देना, लोगों को जागरूक करना और सतत विकास के लिए आवश्यक संरचनाओं का निर्माण करना है।

WatershedYatra का शुभारंभ

केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को वर्चुअली वाटरशेड यात्रा का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने जल और माटी के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि “जल जीवन का आधार और माटी हमारा अस्तित्व है। हमें अपने और आने वाली पीढ़ियों के लिए जल और माटी को बचाना आवश्यक है।”

WatershedYatra में क्या होगा?

इस अभियान के तहत 805 परियोजनाओं में लगभग 60 से 90 दिनों तक वाटरशेड यात्रा WatershedYatra वैन चलाई जाएगी, जो 26 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में फैले 6,673 ग्राम पंचायतों और 13,587 गांवों तक पहुंचेगी। इस यात्रा के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी, जैसे:

  • 1,509 ग्राम सभाओं का आयोजन
  • 1,640 प्रभात फेरियां
  • 2,043 स्थानों पर भूमिपूजन
  • 1,999 कार्यों का लोकार्पण
  • 1,196 स्थानों पर श्रमदान
  • 557 स्थानों पर बागवानी वृक्षारोपण

WatershedYatra के उद्देश्य

इस WatershedYatra के मुख्य उद्देश्यों में निम्नलिखित बिंदु शामिल हैं:

  1. जल संरक्षण: जल की महत्ता को समझाना और जलसंचयन संरचनाओं का निर्माण करना।
  2. माटी का संरक्षण: भूमि क्षरण को रोकना और मिट्टी की उर्वरता बनाए रखना।
  3. भूजल स्तर में वृद्धि: सतही जल को संरक्षित कर भूजल पुनर्भरण को बढ़ावा देना।
  4. सामाजिक भागीदारी: पंचायतों, किसानों, महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs) और एनजीओ को इस अभियान से जोड़ना।
  5. प्राकृतिक संसाधनों का बेहतर प्रबंधन: किसानों को नई तकनीकों और जल संचयन के तरीकों के बारे में जागरूक करना।

यात्रा के दौरान विशेष आयोजन

इस वाटरशेड यात्रा WatershedYatra के तहत विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी, जैसे:

  • जनजागरण अभियान: ग्रामीण क्षेत्रों में जल और माटी संरक्षण के महत्व को समझाने के लिए रैलियां और कार्यशालाएँ आयोजित की जाएंगी।
  • वाटरशेड महोत्सव: इस यात्रा के दौरान पूर्ण हुए कार्यों का जश्न मनाने और नए कार्यों का भूमिपूजन करने के लिए महोत्सव आयोजित किए जाएंगे।
  • सम्मान समारोह: उल्लेखनीय योगदान देने वाले लोगों और पंचायतों को सम्मानित किया जाएगा।

प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शी सोच

इस यात्रा की प्रेरणा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी सोच से मिली है। श्री चौहान ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी आने वाले 100 वर्षों की योजनाएँ बनाते हैं और सतत विकास पर जोर देते हैं। आज जल संकट एक वैश्विक समस्या बन चुकी है और इसके समाधान के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं।

WatershedYatra
केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को वर्चुअली वाटरशेड यात्रा का शुभारंभ किया। फोटो: सौजन्य PIB

जल और माटी संरक्षण के लिए संरचनाएँ

इस अभियान के तहत विभिन्न संरचनाएँ बनाई जाएंगी, जो जल और माटी संरक्षण में सहायक होंगी, जैसे:

  • चेक डेम (छोटे बांध)
  • बोरी बंधान (रेत की बोरियों से जल संचयन)
  • मेढ़ बंधान (खेतों की सीमाओं पर मिट्टी के बाँध)
  • खेत तालाब (कृषि उपयोग के लिए जल संचयन)

इन संरचनाओं से पानी का बहाव नियंत्रित होगा, भूमि का कटाव रुकेगा और भूजल स्तर में वृद्धि होगी।

जनभागीदारी से बनेगा प्रभावी अभियान

श्री चौहान ने इस यात्रा WatershedYatra को जनता का आंदोलन बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सरकार अकेले यह कार्य नहीं कर सकती, इसमें समाज की भी भागीदारी आवश्यक है। हर गाँव, किसान, पंचायत, जनप्रतिनिधि, माता-बहनें, एनजीओ और स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को इस अभियान से जोड़ा जाएगा।

जल संरक्षण से जुड़े प्रोत्साहन और पुरस्कार

यात्रा WatershedYatra के दौरान एक जनभागीदारी प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी। यदि किसी परियोजना में प्रभावी जल संरचनाएँ बनाई जाती हैं और भूमि क्षरण को रोका जाता है, तो श्रेष्ठ कार्य करने वाली परियोजनाओं को अतिरिक्त 20 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। इस योजना के लिए 70 करोड़ 80 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है, जिससे हर साल 177 परियोजनाएँ लाभान्वित होंगी।

भविष्य की तैयारी: जल और माटी बचाना ही होगा

श्री चौहान ने कहा कि यदि जल और मिट्टी का संरक्षण नहीं किया गया, तो भविष्य में जीवन कठिन हो जाएगा। आज जल संकट गहराता जा रहा है, भूजल स्तर गिर रहा है और उपजाऊ भूमि बंजर हो रही है। उन्होंने कहा कि पानी बचाना, भूजल स्तर ठीक करना और मिट्टी का क्षरण रोकना ही हमारे अस्तित्व की रक्षा करेगा।

निष्कर्ष

वाटरशेड यात्रा WatershedYatra न केवल जल और भूमि संरक्षण का एक अनूठा अभियान है, बल्कि यह भारत के सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। सरकार और जनता के संयुक्त प्रयास से इस अभियान को सफल बनाया जा सकता है। यह यात्रा धरती को बचाने की यात्रा है, आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित करने की यात्रा है। आइए, हम सब मिलकर जल और माटी को बचाने का संकल्प लें और इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लें।

यह भी पढ़ें:

https://www.thedailynewspost.com/youthmentalhealth-economicsurvey/

https://pib.gov.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=2099995&reg=3&lang=2

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
8 Creative Ways to Include Amla in Your Diet for Immunity 9 OTT/Theater releases in October, 2024 Samantha Ruth Prabhu : 7 notable achievements Oktoberfest ; 6 exciting activities to experience Canary Islands : 8 appealing attractions