Yoga : जानें योग से मस्तिष्क (Brain) और नर्वस सिस्टम (Nervous System) को होने वाले 10 अद्भुत फायदे, जो तनाव, चिंता, अनिद्रा और अवसाद से राहत देने में मदद करते हैं। मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारते हैं। प्राचीन भारतीय योग विधियों से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार करें। योग से पाएं संपूर्ण शांति और स्थिरता।
योग (Yoga) केवल शारीरिक व्यायाम नहीं है, बल्कि यह मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक संतुलन स्थापित करने की प्राचीन विधि है। योग का प्रभाव नर्वस सिस्टम (Nervous System) पर गहरा और चमत्कारिक है।
योग (Yoga) तंत्रिका तंत्र, जो हमारे शरीर और मस्तिष्क के बीच संवाद करता है, को मजबूत और संतुलित करता है। नियमित योग (Yoga) और प्राणायाम का अभ्यास नर्वस सिस्टम की कार्यक्षमता को बेहतर बनाता है, जिससे मानसिक शांति और शारीरिक स्थिरता मिलती है।
तो आइए जानते हैं, योग (Yoga)से नर्वस सिस्टम को मिलने वाले 10 अद्भुत और वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित लाभ।
Nervous System की संरचना
मानव तंत्रिका तंत्र (Nervous System) का जाल शरीर के हर हिस्से में फैला हुआ है। इसे दो मुख्य भागों में बांटा गया है:
- Central Nervous System (CNS): यह मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी से मिलकर बना है, जो शरीर के सभी कार्यों को संचालित करता है।
- Peripheral Nervous System (PNS): यह तंत्रिका तंतुओं का नेटवर्क है, जो मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को शरीर के अन्य हिस्सों से जोड़ता है।
Peripheral Nervous System को दो भागों में विभाजित है:
- Autonomic Nervous System (ANS): यह हमारे शरीर के आंतरिक कार्यों को नियंत्रित करता है जैसे हृदय गति, पाचन और रक्तचाप। यह दो मुख्य भागों में बंटा होता है:
- Sympathetic Nervous System: यह तनावपूर्ण स्थितियों में शरीर को फाइट-या-फ्लाइट मोड में डालता है।
- Parasympathetic Nervous System: यह शरीर को आराम और शांति की स्थिति में लाता है।
- Somatic Nervous System: यह मांसपेशियों और इंद्रियों को नियंत्रित करता है, जिससे हम शारीरिक गतिविधियां और प्रतिक्रियाएं कर पाते हैं।
Yoga से नर्वस सिस्टम को मिलते हैं ये 10 हैरान करने वाले फायदे
1. Sympathetic और Parasympathetic Nervous System का संतुलन
योग (Yoga) और प्राणायाम का नियमित अभ्यास आपके Sympathetic और Parasympathetic सिस्टम को संतुलित करता है।
तनावपूर्ण स्थितियों में Sympathetic सिस्टम को नियंत्रित करके Parasympathetic सिस्टम को सक्रिय करता है, जिससे आपको मानसिक शांति मिलती है और हृदय गति सामान्य हो जाती है।
2. प्राणायाम से नर्वस सिस्टम का श्वास के जरिए नियंत्रण
प्राणायाम, श्वास का विज्ञान है। यह आपके शरीर को ऑक्सीजन की उचित मात्रा प्रदान करके तंत्रिका तंत्र को बेहतर बनाता है:
अनुलोम-विलोम: यह श्वास प्रक्रिया मस्तिष्क के दोनों हिस्सों को संतुलित करती है, जिससे मानसिक शांति और स्थिरता मिलती है।
भ्रामरी प्राणायाम: इस प्राणायाम से मस्तिष्क को गहरा आराम मिलता है और तनाव की स्थिति समाप्त होती है।
कपालभाति: यह तंत्रिकाओं में ऊर्जा का संचार करता है और नर्वस सिस्टम को पुनः सजीव करता है।
3. ध्यान (Meditation) का प्रभाव: मानसिक शांति और नए न्यूरॉन्स का निर्माण
ध्यान, तंत्रिका तंत्र को स्थिर करता है और मस्तिष्क में नए न्यूरॉन्स का निर्माण करता है, जिससे मस्तिष्क की न्यूरोप्लास्टिसिटी (Neuroplasticity) बढ़ती है। यह आपको मानसिक स्थिरता और एकाग्रता प्रदान करता है, जिससे आपकी सोचने की क्षमता में सुधार होता है।
4. योगासन और नर्वस सिस्टम: शरीर और तंत्रिकाओं के बीच संतुलन
योगासन का हमारे शरीर के विभिन्न हिस्सों और तंत्रिका तंत्र पर गहरा प्रभाव पड़ता है। जैसे:
- वृक्षासन (Tree Pose): यह मस्तिष्क और तंत्रिकाओं के बीच संतुलन स्थापित करता है, जिससे मानसिक स्थिरता और शांति मिलती है।
- शवासन (Corpse Pose): शवासन के माध्यम से शरीर और तंत्रिका तंत्र को गहरा आराम मिलता है, जिससे तनाव पूरी तरह से समाप्त हो जाता है।
- हलासन (Plough Pose): यह आसन रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क से जुड़े नर्वस सिस्टम को मजबूत करता है, जिससे शरीर की कार्यक्षमता बढ़ती है।
5. तनाव और चिंता पर नियंत्रण
योग (Yoga) आपके नर्वस सिस्टम को तनाव और चिंता से मुक्त रखने का अद्भुत साधन है। यह शरीर की प्राकृतिक तनाव प्रतिक्रिया को नियंत्रित करता है, जिससे मस्तिष्क और शरीर को शांति मिलती है और रक्तचाप नियंत्रित होता है।
6. Vagus Nerve की उत्तेजना
Vagus Nerve शरीर के विभिन्न अंगों को नियंत्रित करती है और योग के अभ्यास से यह उत्तेजित होती है। इससे Parasympathetic सिस्टम सक्रिय होता है और शरीर में शांति का अनुभव होता है। यह तंत्रिका तंत्र को स्थिर करता है और तनाव के हार्मोन को कम करता है।
7. तनाव और चिंता से मुक्ति
कई लोग तनाव और चिंता के कारण नींद की कमी और मानसिक थकान का अनुभव करते हैं। योग के नियमित अभ्यास से यह समस्या दूर हो सकती है।
- वैज्ञानिक प्रमाण: 12 हफ्तों तक योग करने से तनाव और चिंता में 40% तक कमी पाई गई है। यह योग के दौरान Sympathetic सिस्टम को सुस्त और Parasympathetic सिस्टम को अधिक सक्रिय करने के कारण होता है।
8. PTSD (Post-Traumatic Stress Disorder) से राहत
योग PTSD से पीड़ित लोगों को शांति और स्थिरता प्रदान करता है।
- वैज्ञानिक प्रमाण: 12 हफ्तों के नियमित योग अभ्यास से PTSD के लक्षणों में 50% तक सुधार देखा गया है। यह नर्वस सिस्टम की स्थिरता बढ़ाने में मदद करता है।
9. अवसाद (Depression) पर योग का सकारात्मक प्रभाव
अवसाद से पीड़ित व्यक्तियों के लिए योग एक जीवनदायिनी उपाय साबित हो सकता है।
- वैज्ञानिक प्रमाण: 8 हफ्तों तक योग के अभ्यास से अवसाद के लक्षणों में 30% तक कमी आई। योग के दौरान सेरोटोनिन और डोपामिन जैसे हार्मोन्स का स्तर बढ़ता है, जिससे मानसिक स्थिति में सुधार होता है।
10. अनिद्रा (Insomnia) और नींद की गुणवत्ता में सुधार
योग आपके नर्वस सिस्टम को शांत करता है, जिससे अनिद्रा के मरीजों को बेहतर नींद आती है।
- वैज्ञानिक प्रमाण: 6 महीने तक योग करने के बाद नींद की गुणवत्ता में 60% तक सुधार देखा गया। शवासन और प्राणायाम जैसी तकनीकें मस्तिष्क को शांति प्रदान करती हैं, जिससे गहरी नींद आती है।
निष्कर्ष:
योग (Yoga) आपके नर्वस सिस्टम के लिए एक अद्भुत औषधि की तरह काम करता है।
योग (Yoga) तंत्रिका तंत्र को संतुलित करता है, तनाव और चिंता को कम करता है और मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार लाता है।
योग (Yoga) के नियमित अभ्यास से व्यक्ति को संपूर्ण शांति, स्थिरता और मानसिक संतुलन का अनुभव होता है।
यह भी पढ़ें :